अनेक प्रकार के रुद्राक्ष धरती पर पाए जाते है जिनमे से एक है 2 मुखी रुद्राक्ष | दो मुखों वाला यह रुद्राक्ष मनका आसानी से पहचाना जा सकता है क्यूंकि इसके द्विमुख इसे दर्शाते है। हालाँकि, यह रुद्राक्ष के सबसे दुर्लभ रूपों में से एक है और इसे आसानी से पाया नहीं जाता। विशिष्ट रुद्राक्ष की उत्पत्ति रुद्राक्ष के पेड़ों पर होती है, जिन्हें वैज्ञानिक रूप से एलेओकार्पस गैनिट्रस के नाम से जाना जाता है। जब रुद्राक्ष पूरी तरह से पकते है और टूट कर निचे गिर जाते है वे ही सबसे लाभदायक माने जाते है। सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले 2 मुखी रुद्राक्ष मिलना कठिन है।सबसे ज्यादा रुद्राक्ष की उत्पत्ती नेपाल और जावा इंडोनेशिया के क्षेत्रों में होती है।
२ मुखी रुद्राक्ष को एक चमत्कारी रुद्राक्ष कहा गया है। इस मनके के ज्योतिषीय महत्व के कारण बाजार में इसकी मांग हमेशा अधिक रहती है। दो मुखी रुद्राक्ष के वैज्ञानिक, भौतिक और आध्यात्मिक लाभों के कारण कई संस्कृतियों और धर्मों के लोग इसको पहनते हैं।
दो मुखी रुद्राक्ष, इसके ज्योतिषीय महत्व और इस पवित्र मनके की शक्तियों के बारे में सब कुछ यहाँ जानें।
दो मुखी रुद्राक्ष का महत्व (Do mukhi rudraksha ka kya mahatva hai)
हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का अत्यंत महत्व है। रुद्राक्ष को स्वयं शिव का अंश कहा गया है इसलिए इसकी पूजा मन और सद्भावना से की जाती है। रुद्राक्ष की कृपा पर विश्वास किया जाता है क्योंकि हिन्दू धर्म की पौराणिक कथाएं और लोककथाएं के अनुसार पवित्र रुद्राक्ष में अनेक शक्तियां है और इसकी असीम कृपा से इंसान के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव आ सकते है।
हिंदुओं के कई धर्मग्रंथों में रुद्राक्ष की माला का स्रोत भगवान शिव के आंसुओं के रूप में दर्शाया गया है। भगवान शिव को देवों के देव और ब्रह्मांड के निर्माता और संहारक के रूप में भी जाना जाता है।
जब शिव करुणा के क्षण में रोए, तो उनके आंसू पृथ्वी पर गिरे, जम गए और रुद्राक्ष का रूप लिया। इसलिए माना जाता है कि हर रुद्राक्ष के मोती पर शिव का आशीर्वाद होता है। शिव के अलावा, हर प्रकार का रुद्राक्ष, चाहे वो द्विमुखी हो या तीन मुखी या कोई ओर, अपने मुखों के कारण एक शक्तिशाली देवता से जुड़ा हुआ है।
एक मूल दो मुखी रुद्राक्ष मनका जिसमें एक मनके में दो मुख होते हैं, शिव और शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। शिव और पार्वती (शक्ति) के एकीकृत रूप को अर्धनारेश्वर के नाम से जाना जाता है। यह शब्द तीन शब्दों से बना है - अर्ध अर्थात आधा, नारी अर्थात नारी और ईश्वर अर्थात भगवान।
पति पत्नी के संगम को को दर्शाते हुए, अर्धनारेश्वर द्विमुखी रुद्राक्ष शिव और उनकी अर्धांग्नी पार्वती के साथी रूप के जरिये उनके प्रेम और विवाह के पवित्र मिलन का प्रतीक है। साथ ही यह पुरुषत्व और स्त्रीत्व के संतुलन को भी दर्शाता है।
कहा जाता है कि पति-पत्नी एक-दूसरे के जीवनसाथी व् आत्मिक साथी होते हैं, विवाह का बंधन उन्हें पूरा करता है। अर्धनारीश्वर स्वरूप के कारण हिंदू धर्म में इस अवधारणा को अत्यधिक माना जाता है।
2 मुखी रुद्राक्ष के फायदे (do mukhi rudraksha ke fayde)
सर्वोच्च शक्ति, निर्माता और संहारक, शिव और ब्रह्मांड की माता पार्वती का एकीकरण 2 मुखी को सबसे शक्तिशाली मनका बनाता है। दो मुखी रुद्राक्ष के महत्व के कारण, इसके फायदे भी असंख्य और अतुलनीय हैं। शिव और शक्ति दोनों ने इस मोती को आशीर्वाद दिया है और इसलिए यह पहनने वाले को ब्रह्मांड का संतुलन देगा।
जानिए 2 मुखी रुद्राक्ष क्या फायदा करता है - (janiye do mukhi rudraksha kya fayde karte hain)
- द्विमुखी रुद्राक्ष पहनने वाले के आत्मविश्वास को बढ़ता है। रुद्राक्ष की शक्ति आपके व्यक्तित्व पर भी गहरा असर डालती है। यह आपके दृढ़ निश्चय में वृद्धि करेगा ।
- दो मुखी रुद्राक्ष आपको शीतलता प्रदान करेगा। रुद्राक्ष शांति और उदारता को बढाकर आपको स्थिरता से जीने में मदद करेगा।
- भावनात्मक संतुलन बनाये रखने में मदद करके, दो मुखी रुद्राक्ष आपको अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में मदद करेगा।
- विचारों और रचनात्मकता को बढ़ाते हुए, यह आपकी कल्पना शक्ति को बढ़ाने में भी मदद करता है, यह आपको अधिक बोधगम्य और दयालु बनाता है।
- कहा जाता है की रुद्राक्ष सौभाग्य लेकर लाता है। और यह आपकी इच्छाओं और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक जोखिम भरे कार्य करने के लिए साहस या शक्ति प्रदान करके आपको सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
- साथ ही मानसिक और भावनात्मक शक्ति, शांति और तेज बुद्धि जैसे गुण भी आते हैं। आपकी स्मरण शक्ति भी बढ़ेगी |
- यह भी कहा जाता है कि दो मुखी रुद्राक्ष आपके अवचेतन मन तक पहुंचने में मदद करेगा और आपके मन की गहराई को जानने में मदद करेगा।
- सर्वोच्च सत्ता से संबंधित होने के कारण इसमें कोई संदेह नहीं है कि 2 मुखी रुद्राक्ष आपको आध्यात्मिकता के मार्ग पर मार्गदर्शन करेगा। आप नए विचारों, दृष्टिकोणों और उच्च चेतना की अवधारणा के प्रति अधिक खुले होंगे। इसी कारण से आध्यात्मिकता का अभ्यास करते समय अक्सर रुद्राक्ष का उपयोग एक उपकरण के रूप में किया जाता है। जब आप सर्वोच्च शक्तियों से मिलने के लिए ध्यान केंद्रित करते हैं, तो ब्रह्मांडीय ऊर्जाएं बहुत शक्तिशाली होती हैं, चाहे वह ब्रह्मांड में हो या आपके अवचेतन में।
- दो मुखी रुद्राक्ष का अत्यधिक लाभ पति पत्नी के रिश्ते पर होता है। शिव और पार्वती के प्रेम और उनके अटूट बंधन से हम सभी परिचित है। पौराणिक कहानियों और मान्यताओं में निहित है की उनके विवाह बंधन का प्रतीक 2 मुखी रुद्राक्ष पहनने वाले को उसी प्यार और सहयोग का आशीर्वाद देता है। इससे विवाहित जोड़ों के बीच आपसी स्नेह बढ़ता है। साथ ही यह रुद्राक्ष समझ, सद्भाव और एकजुटता को बढ़ाता है, जिससे उन्हें वैवाहिक आनंद मिलता है।
- जो व्यक्ति अपने जीवनसाथी की तलाश में हैं उन्हें भी दो मुखी माला पहनने से लाभ होगा।
2 मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थय लाभ (do mukhi rudraksha ke swasthya labh)
हमारे वायुमंडल में जो कंपन और ऊर्जा है वह हमें घेरे रहती है और हमें बहुत प्रभावित करती है। हम मानव इकाईयों के रूप में भी सकारात्मकता या नकारात्मकता ऊर्जा प्रसारित करते हैं। रुद्राक्ष के माध्यम से ऊर्जा का यह प्रवाह हमारे शरीर को आवश्यक उपचार प्रदान करता है।
दो मुखी रुद्राक्ष (2 Mukhi Rudraksha) इसे पहनने वाले व्यक्ति में जीवन शक्ति के स्तर को बनाए रखता है। आपकी ऊर्जा के स्तर में सुधार करके, द्विमुखी आपको सक्रिय रखेगा और आपको आलसपन से छुटकारा दिलाने में भी मदद करेगा।
2 मुखी रुद्राक्ष को अक्सर गले में पहना जाता है, यहां तक कि ज्योतिषी भी इसकी सलाह देते हैं। इसके पीछे एक अहम वजह है। जब आप इसे अपने गले में पहनते हैं, तो रुद्राक्ष की माला हृदय के करीब होती है और रुद्राक्ष हृदय को मजबूत बनाता है।
दो मुखी रुद्राक्ष आपकी मांसपेशियों की शक्ति को बढ़ाने में भी मदद करता है। किडनी, आंतों और पेट से संबंधित कोई भी रोग, बीमारी या संक्रमण भी दो मुखी रुद्राक्ष की शक्ति से ठीक हो जाता है।
अगर आप नियमित सिरदर्द, सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित हैं तो भी यह रुद्राक्ष आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा।
इन सभी उपचारात्मक लाभों के अलावा, रक्त परिसंचरण को बनाए रखना और आपके शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को निकालना 2 मुखी रुद्राक्ष का एक चिकित्सीय लाभ है।
विश्वास है कि, पति-पत्नी के रिश्ते के साथ इस मनके के सहसंबंध के कारण,रुद्राक्ष के उपचार गुण यौन-संबंधी समस्याओं में मदद करते हैं, पुरुषों और महिलाओं दोनों को उपजाऊ बनाते हैं, और उन्हें गर्भ धारण करने में मदद मिलती है।
द्विमुखी रुद्राक्ष कौन पहन सकता है? (Do mukhi rudraksha kaun pehen sakta hai)
2 मुखी रुद्राक्ष व रुद्राक्ष की माला अत्यधिक शुभ होती है, वे दिव्य होती हैं और स्वयं शिव-शक्ति द्वारा आशीर्वादित होती हैं। अत: कोई भी व्यक्ति रुद्राक्ष की माला धारण कर सकता है। यह अत्यधिक आपकी इच्छा और भक्ति पर निर्भर करता है।
लिंग, जाति और धर्म की परवाह किए बिना, आप 2 मुखी रुद्राक्ष की माला पहन सकते हैं।
2 मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह चंद्रमा है, इसलिए यदि आपकी जन्म कुंडली में ज्योतिषीय ग्रह चंद्रमा का नकारात्मक प्रभाव है, तो आपको निश्चित रूप से 2 मुखी रुद्राक्ष खरीदने पर विचार करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, जहाँ तक बात है की 2 मुखी रुद्राक्ष कौन सी राशि वाले को पहनना चाहिए?
ज्योतिषियों का सुझाव है कि 2 मुखी रुद्राक्ष कर्क राशि के तहत पैदा हुए लोगों के लिए सबसे शुभ होगा।
चूँकि इस मनके को शिव-शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त है, इसलिए इसे अक्सर विवाहित लोगों या ऐसे व्यक्तियों को पहनने की सलाह दी जाती है जो अपने जीवनसाथी की तलाश में हैं।
दो मुखी रुद्राक्ष किसे नहीं पहनना चाहिए? (Do mukhi rudraksha kise nahi pehna chahiye)
2 मुखी रुद्राक्ष बहुत शक्तिशाली होता है और इसलिए यह सलाह दी जाती है कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।
इसके अलावा यदि आप नियमित रूप से शराब पीते हैं या मांसाहारी भोजन करते हैं तो भी आपको रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। रुद्राक्ष एक दिव्य मनका है और इसका हर तरह से सम्मान किया जाना चाहिए, इसलिए यदि आप इन आदतों के बावजूद इसे पहनना चाहते हैं, तो आपको शराब पीते या मांसाहार करते समय मनका हटा देना चाहिए। फिर अगले दिन स्नान और पूजा करने के बाद ही धारण करें।
इसके अलावा, रुद्राक्ष पहनने से पहले आपको किसी ज्योतिषी से परामर्श लेना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह आपकी जन्म कुंडली के अनुकूल है और आपके लिए उपयुक्त है।
2 मुखी रुद्राक्ष कैसे पहना जाता है? (2 mukhi rudraksha kaise pehna jata hai)
दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने हेतु आपको अपने पंडित से एक बार संपर्क जरूर करना चाहिए। रुद्राक्ष को पहनने का सबसे अच्छा तरीका है की आप शिव मंदिर में रुद्राक्ष की पूजा अर्चना करा के इसे धारण करे। यदि आप घर पर रुद्राक्ष को पहनना चाहते है, २ मुखी रुद्राक्ष की धारण विधि कुछ इस प्रकार है :-
2 मुखी रुद्राक्ष पहनने का सबसे अच्छा दिन और समय - सोमवार (शुक्ल पक्ष) और सुबह 04:00 बजे से 08:00 बजे के बीच।
पहनने के लिए धातु - चांदी या सोना
2 मुखी रुद्राक्ष बीज मंत्र - ॐ नमः
2 मुखी रुद्राक्ष का शुद्धिकरण - आप गंगाजल या पंचामृत (5 पदार्थों का मिश्रण - कच्चा दूध, घी, चीनी, दही और शहद) का उपयोग करके अपने रुद्राक्ष को शुद्ध कर सकते हैं।
दो मुखी रुद्राक्ष की पूजन विधि - स्नान करने के बाद, नए कपड़े पहनकर, और अपनी पूजा पूरी करने के बाद, अपना द्वि मुखी रुद्राक्ष लें, और इसे शुद्ध करें। और फिर पूरी श्रद्धा के साथ 2 मुखी रुद्राक्ष मंत्र का 108 बार जाप करें। जब आप आखिरी बार इसका पाठ कर रहे हों तो अपना रुद्राक्ष धारण करले।