Rasi Ratan - राशि रत्न क्या है? जानें कौन सा रत्न किस राशि के लिए है फायदेमंद
राशि रत्न, ज्योतिष में रत्नों का विशेष महत्व है। रत्न प्रकृति का वरदान है हमारे लिए। कई बार जो कार्य कई वर्षों से अटके होते है वो इन रत्नों के पहनने मात्र से पूरे हो जाते है। ऐसा प्रभाव छोड़ते है ये रत्न। यदि आप राशि अनुसार रत्न धारण करते है तो आपके जीवन में सकारात्मक चीजें होने लगती है और परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है। आइए जानते है कि किस राशि के लिए कौन सा रत्न बना है साथ ही ये भी जानते है कि रत्न कितनी तरह के होते है…..
रत्नों के नाम (Ratno ke name)
ज्योतिषी आपकी राशि के अनुसार ग्रह नक्षत्रों के अनुसार ही आपको सही रत्न धारण करने के लिए कहते है। राशि रत्न भी दो तरह के होते है एक राशि रत्न और दूसरा उपराशि रत्न। ये उपराशी रत्न भी उतने ही प्रभावशाली होते है जितने राशि रत्न लेकिन इनकी कीमत थोड़ी कम होती है। ज्योतिष शास्त्र के आधार पर नौ प्रकार के रत्न होते है। जिनके नाम है हीरा, मोती, पन्ना, माणिक्य, नीलम, गोमेद, पुखराज , मूंगा और लहसुनियां। इन सभी रत्नों का स्वभाव और कार्य अलग अलग होता है।
राशि रत्न का महत्व (Rashi Ratan ke Fayde)
रत्नों का हमारे जीवन में बहुत प्रभाव पड़ता है। कई बार जब हमारा जीवन अस्त व्यस्त होता है और हम ज्योतिषी के पास अपनी कुंडली लेकर जाते है तो वो ग्रहों की चाल और दिशा के हिसाब से हमें रत्न बताता है जिससे ग्रहों का जो दुष्प्रभाव है वो काफी हद तक दूर हो जाता है। क्योंकि रत्नों की शक्ति से कमजोर ग्रह भी सशक्त होने लगता है। सभी राशियों के लिए उनके राशि स्वामी के आधार पर रत्न बने हुए है। किसी अनुभवी ज्योतिषी के परामर्श पर ही रत्न धारण करें।
राशि के अनुसार कौन सा रत्न है सही (Rashi ke anusar konsa Ratan hai sahi)
मूंगा (Munga stone) - मंगल का रत्न
मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है और मंगल ग्रह के लिए मूंगा रत्न (Munga Ratan) पहनने की सलाह दी जाती है। मूंगा (Munga stone) धारण करने की सलाह इसलिए दी जाती है ताकि इन राशियों के जातकों के आत्मविश्वास में वृद्धि हो और उनमें साहस बढ़े। जिन लोगों का प्रोफेशन पुलिस, डॉक्टर, इंजीनियर, या हथियार बनाने का है उनको मूंगा पहनने से बहुत लाभ होता है। मिर्गी रोग, पीलिया या रक्त संबंधित रोगों में भी मूंगा (moonga stone) पहनना लाभदायक होता है। लेकिन हम अब भी यही कहेंगे कि ज्योतिषी के परामर्श के अनुसार ही मूंगा पहने वर्ण हानि की जगह नुकसान हो सकता है। क्योंकि इसका बुरा प्रभाव सीधे जीवन साथी पर पड़ता है। आप दुर्घटना के शिकार हो सकते है यदि आपने गलत तरह से मूंगा धारण किया।
हीरा (Heera Diamond Stone) - शुक्र का रत्न
वृषभ और तुला राशि का स्वामी शुक्र है। इन राशि वाले जातकों को हीरा पहनने की सलाह दी जाती है। लेकिन ध्यान रखे कि हीरा (Heera Stone) आपको अमीर भी बना सकता है और गरीब भी। इसे पहनने से व्यक्ति को सुख समृद्धि और सम्मान की प्राप्ति होती है। ये मधुमेह रोग के व्यक्तियों के लिए भी शुभ होता है। यदि आपकी कुंडली में तीसरे, पांचवें और आठवें स्थान में शुक्र बैठा हुआ है तो आपको तब हीरा नहीं पहनना चाहिए। कुंडली में शुक्र जब मंगल या गुरु की राशि में बैठा हो या फिर इन राशियों से जगह बदले तब भी हीरा नहीं धारण करना चाहिए। वरना ये आपको आत्महत्या करने के लिए विवश करेगा। एक बात का विशेष ध्यान रखे कि हीरा कभी टूटा हुआ न पहनें।
पन्ना (Panna stone)- बुध का रत्न
मिथुन और कन्या राशि का स्वामी बुध है। इन राशि वालों को पन्ना (Panna stone) धारण करना चाहिए। पन्ना रत्न नौकरी, व्यापार में अच्छे परिणाम लता है साथ ही इसे धारण करने से जातक की स्मरण शक्ति भी बढ़ती है। यदि बुध आपकी कुंडली के तीसरे या बारवें घर में बैठा है तब आपको पन्ना नहीं पहनना चाहिए। यदि आपके बुध की महादशा चल रही है और बुध आठवें या बारहवें घर में विराजमान है तो पन्ना बिल्कुल न पहने वर्ण भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
मोती (Moti stone) - चन्द्रमा का रत्न
कर्क राशि जिसका स्वामी चंद्रमा है और मीन राशि जिसका स्वामी गुरु है उनको मोती (Moti stone) धारण करने से लाभ की प्राप्ति होती है। इसे पहनने से सकारात्मकता आती है जीवन में साथ ही आपके मन का भय भी समाप्त हो जाता है। मोती आपको शांत और शीतल बनाता है। यदि जातक को सर्दी की समस्या रहती है तो उसके लिए भी मोती लाभकारी है। बुध, शुक्र और शनि राशि वालों को मोती धारण नहीं करना चाहिए। यदि आपकी कुंडली में चन्द्रमा बारवेँ और दसवें घर में विराजमान है तो भी मोती रत्न नहीं पहनना चाहिए।
माणिक (Manik stone) - सूर्य का रत्न
सिंह राशि जिसका स्वामी सूर्य है उनको माणिक रत्न (Manik stone) धारण करने की सलाह दी जाती है। इससे जातक के व्यक्तित्व में निखार आता है। राजयोग भी माणिक रत्न (Manik ratan) को पहनने से प्राप्त होता है। लेकिन ये रत्न ज्योतिषी की सलाह पर ही पहनना चाहिए वरना ये ग्रह क्लेश का भी कारण बन जाता है।
पीला पुखराज (Pukhraj stone) - बृहस्पति का रत्न
धनु और मीन राशि का स्वामी है गुरु, इन लोगों को पुखराज (Pukhraj stone) पहनना चाहिए । पुखराज पहनने से आपके मान सम्मान में वृद्धि होती है। आपको शिक्षा के क्षेत्र या करियर में सफलता दिलाता है पुखराज। मेष, कर्क, सिंह,व्रहस्चिक, धनु और मीन राशि वाले जातक यदि पुखराज धारण करते है तो इनको सफलता शीघ्र मिलती है। वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि वालों के लिए पुखराज पहनना निषेध है।
नीलम (Neelam stone) - शनि का रत्न
शनि कुंभ और मकर राशि का स्वामी है। इन जातकों को नीलम पहनने की सलाह दी जाती है। शनि लग्न यदि कुंडली में पांचवे या ग्यारहवें स्थान पर बैठा है तो नीलम मत पहनिए। नीलम (Neelam stone) पहनने से भाग्य वृद्धि होती है लेकिन यदि बिना किसी सलाह के नीलम पहन लिया तो आपके भाग्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है। नीलम (Neelam) धारण करने से जातक के कार्य करने की क्षमता में वृद्धि होती है। ये आपको प्रसिद्धि देता है लेकिन यदि नीलम सूट नहीं कर रहा तो इससे शारीरीरिक कष्ट होता है तो आप समझ जाएं और फौरन नीलम उतार दे वरना आगे ये आपके लिए समस्या उत्पन्न कर सकता है।
गोमेद (Gomed stone) - राहु का रत्न
राहु वालों को गोमेद धारण करना चाहिए, इससे आपके अंदर नेतृत्व करने की क्षमता बढ़ती है। यदि आपने गोमेद (gomed stone) धारण किया है तो आप पर काले जादू का असर नहीं होगा और गोमेद आपकी अचानक होने वाले नुकसान से भी रक्षा करेगा। गोमेद पहनने से अचानक लाभ भी मिल सकता है। यदि राहु आपकी कुंडली के ग्यारहवें, बारवे, पांचवें,आठवें या नौवें स्थान पर है तो गोमेद बिलकुल मत पहनिए। क्योंकि इससे आर्थिक नुकसान, पुत्र को नुकसान ,शारीरिक नुकसान के अलावा अचानक मृत्यु तक हो सकती है।
लहसुनिया (Lehsunia stone) - केतु का रत्न
लहसुनियां रत्न केतु वालों को धारण करना चाहिए। यदि आप व्यापारी है तो लहसुनियां (lehsunia stone) पहनने से आपको लाभ होगा। लहसुनियां पहनने से आपको किसी की नजर नहीं लगती। यदि आपकी कुंडली के तीसरे और छठे स्थान पर केतु है तो लहसुनियां न पहनें। क्योंकि इसके दोषयुक्त धारण करने से जैसे गोमेद नुकसान पहुंचता है वैसे ही ये भी नुकसान पहुंचाता है।
आपने जाना कि किन राशि वालों के लिए कौन सा रत्न सही है। तो यदि आपका भी कोई कार्य नहीं बन रहा तो किसी अच्छे ज्योतिषी के पास जाकर अपने लिए सही रत्न का चुनाव करें