पीढ़ी दर पीढ़ी, हमे विरासत में कई चीजे मिली पर सबसे कीमती चीज जो हमे मिली है वो है हमारा ज्ञान व् आधार। ज्ञान के इस भंडार में एक सबसे शक्तिशाली सीढ़ी है ज्योतिष शास्त्र। हर एक इंसान का जन्म एक निश्चित समय पर निश्चित गृह नक्षत्रो में होता है जो इंसान की किस्मत को लिखते है। ज्योतिष शास्त्र हमारे जीवन में होने वाली हर एक घटना के महत्व को बताता है व् हमारे जीवन में ग्रहो की महादशा से होने वाले नकारात्मक प्रभाव को खत्म करता है।

हर एक इंसान के गृह अलग अलग घर में होते है और इसी हिसाब से कुंडली बनाई जाती है। कुंडली के अनुसार पंडित आपको बताते है की आपके ग्रहो में किसकी दशा ख़राब और किसकी अच्छी है। जिस गृह की दशा ख़राब होती है उसका निवारण देने हेतु पंडित सुझाते की हमे रत्नो को धारण करना चाहिए।

धरती पर कई प्रकार के रत्न पाए जाते है, हर एक रत्न की अपनी विशेषताएँ है व् हर रत्न की अहमियत किसी गृह से जुडी हुई है। आज हम बात करेंगे नीलम रत्न की जो शनि गृह के अधीन है।यह रत्न पृथ्वी पर पाए जाने वाले नौ सबसे शक्तिशाली पत्थरों में से एक है। ऐसा कहा जाता है कि इसमें बहुत अधिक ऊर्जा होती है। यह ऊर्जा इस रत्न को धारण करने वाले व्यक्ति पर काफी सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

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यह नीला रत्न अपने खूबसूरत रंग के लिए दुनिया भर में मशहूर है, पर ज्योतिष शास्त्र में इसकी अहमियत की वजह से इसे ज्यादा पहचाना जाता है। इसलिए आज हम बात करेंगे नीलम रत्न, उसके फायदे और नुकसान की, साथ ही यह की इसे किन लोगो को पहनना चाहिए और किन लोगो को नहीं।

नीला रत्न

नीलम स्टोन के फायदे (Neelam Stone pehne ke fayde)

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, प्राकृतिक नीला नीलम मणि पहनने वाले व्यक्ति को विभिन्न लाभ प्रदान कर सकता है, जो इस प्रकार हैं:

  • यह इंसान में आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को बढ़ता है, साथ ही नेतृत्व करने, संचार कौशल और सार्वजनिक बोलने के कौशल को भी बढ़ाता है।
  • यह मणि पहनने वाले को अंतर्दृष्टि और अंतर्ज्ञान शक्तियाँ प्रदान करता है।
  • एकाग्रता की शक्ति को बढ़ाकर, नीलम रत्न पहनने वाले को अपने कार्य में वृद्धि करने में मदद करता है।
  • इस मणि की शक्ति इंसान की निर्णय लेने के कौशल को भी बढ़ाता है।
  • नीलम की ऊर्जा इसके पहनने वाले के आस पास सकारात्मकता की एक आढ़ बना देता है जैसे की एक कवच जिससे की इंसान का दिमाग व आत्मा नकारात्मकता से बचा रहे चाहे वह बुरी आत्माएं, हस्तकौशल या बुरे सपने हों।
  • ऐसा भी कहा जाता है कि नीला नीलम पहनने वाले को दुर्घटनाओं और चोटों से बचाता है।
  • साथ ही यह आंतरिक चेतना को जागृत करने में भी मदद करता है। यह मन और शरीर को आत्मा से जोड़ता है, व्यक्ति को धार्मिकता और दयालुता के मार्ग पर चलने के लिए आध्यात्मिक रूप से जागृत करता है।
  • नीला नीलमणि रिश्तों में विश्वास को भी बढ़ता है। साथ -साथ यह भावनात्मक मूल्य भी बढ़ाता है, अतः पहनने वाले को अपने परिवार के साथ सद्भाव से रहने में मदद करता है।
  • नीलम का एक लाभ यह भी है की यह प्यार, वफादारी और भाग्य लेके आता है।

इन् सब के अलावा एक खास लाभ जिसके लिए नीलम दुनिया भर में जाना जाता है, वह है इसके इंसान को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने की शक्ति।

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माना जाता है की नीलम आंखों से संबंधित विकारों या संक्रमण से राहत दिलाता है। इससे आंखों की रोशनी में भी सुधार होता है। साथ ही अगर किसी व्यक्ति को बोलने और सुनने की समस्या है तो भी यह रत्न राहत देगा।

नीला नीलम पहनने वाले को मानसिक शांति प्रदान करता है व बेहतर नींद दिलाने में ही मदद करता है।

नीलम के चिकित्सीय लाभों में सिरदर्द और बुखार को ठीक करना भी शामिल है। इसके अलावा, ऐसा कहा जाता है कि यह पहनने वाले के शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को निकालता है, व आंतरिक अंगों को शुद्ध करता है।

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neelam ratan

नीलम रत्न के नुकसान (neelam ratna ke nuksan)

नीलम रत्न इतना प्रभावशाली है की इसके प्रभाव नकारात्मक भी हो सकते है। यदि आप इसे सही तरीके से धारण नहीं करते है या यह रत्न आपके कुंडली के अनुसार अनुकूल नहीं है तो आपको इसके नकारात्मक प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है, जैसे की :-

  • आपकी आँखों पर प्रभाव पड़ सकता है। आँखों से समबन्धित कोई भी परेशानी आ सकती है।
  • आपके साथ कोई दुर्घटना घट सकती है जिसमे आपको शारीरिक चोट पहुंच सकती है।
  • आपको बुरे या विचित्र स्व्पन आने शुरू हो सकते है जो आपको परेशां कर देंगे।
  • मानसिक अवसाद भी आपको घेर सकता है।
  • यदि नीलम आपकी अनुकूल नहीं है तो आपको आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।

नीलम रत्न धारण करने की विधि (Neelam ratna dharan karne ki vidhi)

नीला रत्न एक बहुत ही प्रभावशाली रत्न है यदि इसे सही तरीके से धारण किया जाये। जो लोग विधिपूर्वक पूजा-अर्चना कर इसे धारण करते हैं उन्हें यह रत्न बहुत लाभ देता है। ज्योतिषियों का मानना है कि इस रत्न को पहनने से लोगों को आत्मविश्वास हासिल करने में मदद मिल सकती है।

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नीलम को पहनते वक़्त कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे की नीलम रत्न (neelam stone) को आमतौर पर अंगूठी या पेंडेंट के रूप में पहनना चाहिए। आप इसे सोने, चाँदी या पंचधातु में धारण कर सकते है |

इसके अलावा, उच्च गुणवत्ता वाला पत्थर चुनना महत्वपूर्ण है जिसे ठीक से काटा और पॉलिश किया गया हो।

नीले नीलम रत्न का स्वामी ग्रह शनि है। यही कारण है कि अक्सर ज्योतिषियों द्वारा यह सलाह दी जाती है कि इसे शनिवार के दिन पहनना चाहिए। चूँकि शनिवार शनि का दिन माना जाता है।

नीलम पहनने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है। इसके अतिरिक्त, आपको पत्थर की शक्तियों को सक्रिय करने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।

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इसके लिए नीलम को गाय के कच्चे दूध या गंगाजल में तीन बार डुबाकर बहार निकल ले और साफ़ कपडे से पोंछ ले। फिर नीचे बताये गए मंत्र का 108 बार जाप करें। अंतिम बार जप करते समय रत्न को धारण करें।

“ॐ शम शनिश्चराये नम:”

अगर आप इसे अंगूठी के रूप में पहन रहे हैं तो सही उंगली पर पहनना भी महत्वपूर्ण है।

आपको इसे अपनी मध्यमा उंगली में पहनना चाहिए। पुरुषों को इसे अपने दाहिने हाथ में पहनने की सलाह दी जाती है, जबकि महिलाएं इसे अपने दोनों हाथों में से किसी भी हाथ में पहन सकती हैं।

नीला रत्न

नीलम रत्न किन लोगो को पहनना चाहिए? (neelam stone kin logo pehne chahiye)

मकर और कुंभ राशि वाले लोगों को ज्यादातर नीला नीलम रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। इनके अलावा वृषभ, मिथुन, कन्या और तुला राशि वाले भी नीला नीलम पहन सकते हैं।

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जिन लोगो की कुंडली में शनि भारी है उन्हें नीलम रत्न अवश्य धारण करना चाहिए। यह रत्न शनि के प्रकोप से आपको बचाएगा और आपके जीवन में आने वाली कठिनाईओ को दूर करेगा।

यदि आपकी कुंडली में शनि उच्च स्थान पर है तब भी आप नीलम रत्न पहन सकते है, ऐसे में इसके सकारात्मक प्रभाव को जल्दी देखा जा सकता है।

हालाँकि नीलम पहनने से पहले आपको किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि रत्न आपकी जन्म कुंडली के अनुसार आपके लिए उपयुक्त है।

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नीलम रत्न किसे नहीं पहनना चाहिए? (neelam ratna kisko dharan karna chahie)

नीलम रत्न एक बहुत ही शक्तिशाली रत्न है इसलिए इसे पहनने से पहले पंडित की सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है। यदि आपकी कुंडली के अनुसार यह रत्न आपको सकारात्मक प्रभाव न दे तो इस रत्न को न पहने।

अक्षर मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि वालो को नीलम रत्न पहनने से बचना चाहिए।

साथ ही साथ, दूसरे मोती जैसे की माणिक(Manik), मूंगा(Moonga) और मोती(Moti) के साथ भी नीलम को पहनने से बचे।

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Que. नीलम रत्न किस उंगली में पहने

Ans. नीलम को शनि का रत्न माना जाता है। नीलम रत्न को शनिवार को धारण किया जाता है, क्योंकि शनि ग्रह के साथ इसका संबंध होता है। मान्यता है कि इस रत्न को धारण करने से शनि के अशुभ प्रभावों से राहत मिल सकती है और धन, सम्पत्ति, और समृद्धि में वृद्धि हो सकती है। इस रत्न को आप शनिवार के दिन मध्यमा उंगली में पहन सकते हैं।

Que. नीलम रत्न पहनने का मंत्र

Ans. ओम् प्रां प्रीं प्रौं सः शनिश्चराय नमः

Que. नीलम रत्न कितने रत्ती का पहनना चाहिए

Ans. नीलम रत्न का वजन व्यक्ति के जन्मतिथि, राशि, ग्रहों के स्थिति आदि के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। आमतौर पर, नीलम रत्न को पांच, 7, 9 रत्ती से 12 रत्ती तक धारण कर सकते है। वहीं धातु की बात करें तो नीलम को पंचधातु में धाऱण करना चाहिए। 

Que. नीलम किस राशि को पहनना चाहिए

Ans. नीलम रत्न को आमतौर पर कुंभ और मकर राशि वाले व्यक्तियों को पहनने की सलाह दी जाती है। क्योंकि इन राशियों पर शनि देव का आधिपत्य है। वहीं वृष, मिथुन, कन्या, तुला राशि के लोग भी नीलम धारण कर सकते हैं।

 

Emerald Stone