ओपल एक ऐसा रत्न है जो इंसान को मंत्रमुग्ध कर दे। अधिकतर यह अपने चांद जैसे सफेद रंग के लिए प्रसिद्ध है और इसे कई रंगों में पाया जाता है जैसे की काला, नीला, सफ़ेद, पीला, और स्लेटी। कई ओपल पत्थरों की सतह पर इंद्रधनुषी रंग दिखाई देते हैं जो उनकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। इसलिए प्राचीन काल से ही इस रत्न का उपयोग आभूषण और सजावटी सामान बनाने में किया जाता रहा है।

हालाँकि, इसकी खूबसूरती के बजाये इस रत्न को सफलता और प्रतिष्ठा प्रदान करने की अपनी शक्ति के लिए जाना जाता है। वैदिक ज्योतिष और चिकित्सा ज्योतिष में, ओपल रत्न महत्वपूर्ण महत्वता रखता है।

यह रत्न विभिन्न लाभों से जुड़ा हुआ है। ज्योतिषीय प्रभाव बढ़ाने से लेकर भावनात्मक उपचार, रचनात्मकता उत्तेजना और रिश्ते को मजबूत करने तक, ओपल एक ऐसा रत्न है जो कई फायदे प्रदान करता है। ओपल की शक्ति का उपयोग करके, व्यक्ति कल्याण की ओर रुख कर सकता है व रिश्तों में भी सुधार का, गहरे संबंध का अनुभव कर सकता है।

आइये ओपल रत्न (Opal Stone) के बारे में ओर जानकारी ले, देखे इस रत्न से आपको ओर क्या लाभ प्राप्त हो सकते है, व् इस रत्न को किन लोगो को पहनना चाहिए और किसे नहीं।

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ओपल पहनने के फायदे (opal pehne ke fayde)

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ओपल एक बहुत शक्तिशाली रत्न है। यह आंतरिक शांति, आत्मविश्वास और सकारात्मकता की भावना को बढ़ावा देता है। साथ ही यह व्यक्तियों को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से शालीनता से निपटने में सक्षम बनाता है।

इसके अलावा, प्राकृतिक ओपल रत्न इसे पहनने वाले व्यक्ति को जो लाभ प्रदान करता है, वे इस प्रकार है: Opal Gemstone Benefits, Types, Price & Quality

ओपल रत्न पहनने के ज्योतिषीय लाभ (opal ratna pehne ke jyotish labh)

  • यह रत्न अपने पहनने वाले के लिए प्रेम, सौंदर्य, रचनात्मकता और विलासिता लाता है। ओपल धारण करके व्यक्ति अपने जीवन में शुक्र के सकारात्मक प्रभाव को मजबूत कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह प्यार और सौहार्दपूर्ण रिश्तों को आकर्षित करता है व इंसान के जीवन में समृद्धि लाता है।
  • ओपल पहनने वाले की समझ, सहानुभूति और संचार करने की क्षमता को बढ़ावा देता है।

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  • ऐसा कहा जाता है कि यह इसे पहनने वाले को एक स्वस्थ और पूर्ण संबंध बनाने में भी मदद करता है। यह वफादारी को बढ़ाता है, और लंबे समय तक चलने वाली साझेदारी के लिए एक मजबूत आधार तैयार करता है।
  • ओपल की सिफारिश अक्सर कलाकारों, लेखकों और रचनात्मक गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों के लिए की जाती है क्योंकि यह किसी व्यक्ति में रचनात्मकता कौशल को बढ़ाता है। ओपल पहनकर, व्यक्ति अपनी रचनात्मक क्षमता का दोहन कर सकता है, अपनी कल्पना का विस्तार कर सकता है और नवीन विचारों को सामने ला सकता है। यह प्रेरणा, कलात्मक अभिव्यक्ति और किसी के विचारों और भावनाओं को प्रभावी ढंग से संप्रेषित करने की क्षमता को प्रोत्साहित करता है।
  • ओपल संतुलन और सद्भाव का पत्थर है। ज्योतिषियों का कहना है कि यह रत्न शरीर में ऊर्जा केंद्रों (चक्रों) को संतुलित करता है, जिससे समग्र कल्याण को बढ़ावा मिलता है। ओपल भावनात्मक, मानसिक और आध्यात्मिक पहलुओं को संरेखित और संतुलित करता है, जिससे संपूर्णता और संतुलन की भावना आती है। यह पूरे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को सुविधाजनक बनाता है, साथ ही जीवन शक्ति की भावना का पोषण करता है।

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ओपल रत्न के चिकित्सीय लाभ (opal ratna ke chikitsa labh)

ओपल पत्थर के लाभ ज्योतिषीय महत्व तक ही सीमित नहीं हैं, इसके कई चिकित्सीय लाभ भी है। इस वजह से ज्योतिष भी इस खूबसूरत रत्न की सिफारिश करते है।

कहा जाता है की ओपल की शक्ति विभिन्न शारीरिक समस्यायों का उपचार कर सकती है। ऐसा माना जाता है कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और यकृत और गुर्दे जैसे अंगों की कार्यप्रणाली को बढ़ाता है।

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इसके अलावा, ओपल पत्थर में भावनाओं को संतुलित करने और भावनात्मक उपचार प्रदान करने की क्षमता भी होती है। ऐसा कहा जाता है कि इसका दिमाग पर शांत प्रभाव पड़ता है जो व्यक्तियों को भावनात्मक अशांति, चिंता और तनाव से उबरने में मदद करता है।

यह प्राकृतिक रत्न आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा फायदेमंद माना जाता है। यह आंखों के तनाव से राहत देता है और दृष्टि को बढ़ावा भी देता है। इसके अतिरिक्त, ऐसा माना जाता है कि यह हार्मोनल संतुलन के नियमन में सहायता करता है और प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार करता है।

कुल मिलाकर, यह रत्न अपने पहनने वाले की संपूर्ण जीवन शक्ति में सुधार करेगा।

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ओपल पहनने से होने वाले नुकसान (opal pahanne ke nuksan)

ओपल रत्न की महत्वता व् शक्ति असंख्य है, इसलिए यदि इस रत्न को गलत तरह से धारण करा जाये या गलत समय पर पहना जाये तो आपको इसके नकारात्मक प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है। इस रत्न से होने वाले नुकसान कुछ इस प्रकार है :

  • यह आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है, आप लगातार बीमार पड़ सकते है, आपका शरीर पीला पड़ सकता है व आप शारीरिक रूप से कमजोर हो सकते है।
  • आपके प्रेम संबंध, या विवाहित जीवन पर भी इसका बुरा प्रभाव देखा जा सकता है। आपमें गलतफैमी व लड़ाईयाँ हो सकती है।
  • ओपल के बुरे प्रभाव से आपकी आय पर भी असर हो सकता है, हो सकता है आपको अपने व्यवसाय के क्षेत्र में भारी नुकसान का सामना करना पड़े या आपके बचाये हुए पैसे आपको एक बार में कहीं खर्चने पड़े।
  • ओपल की शक्ति आपकी समझ पर भी पर्दा डाल सकती है, आपके फैसले लेने की समझदारी कम हो सकती है जिस से आपके हर फैसले पर असर हो सकता है।

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ओपल कौन पहन सकते हैं? (opal kon pahan sakta hai)

ओपल रत्न का स्वामी ग्रह शुक्र है, जो प्रेम और सौंदर्य की देवी है। यदि आपकी जन्म कुंडली में शुक्र की महादशा चल रही है, तो आपको इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए ओपल रत्न को अवश्य धारण करना चाहिए।

साथ ही, ज्योतिषों के अनुसार जिन लोगो का जन्म तुला और वृषभ राशि में हुआ है, उन्हें भी ओपल रत्न पहनने की सलाह है।

इसके अलावा, मकर, कुंभ, मिथुन और कन्या राशि वाले भी इस रत्न को पहन सकते हैं, हालांकि उन्हें इसे पहनने से पहले किसी ज्योतिषी से परामर्श लेना चाहिए। चूँकि ये सुनिश्चित करना आवश्यक है की ये रत्न आपकी कुंडली के अनुसार अप्पके अनुकूल है या नहीं, यदि नहीं, तो इसके नकारातमक प्रभाव आपको परेशान कर सकते है।

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ओपल किस राशि वालों को नहीं पहनना चाहिए? (opal kis rashi walo ko nahi pehna chahiye)

मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन लग्न में पैदा होने वाले लोगो को ओपल रत्न पहनने से बचना चाहिए। यदि वे इस रत्न को पहनना चाहते है तो उन्हें अपने ज्योतिषी से संपर्क करना चाहिए और पूछना चाहिए की वे किस स्तिथि में या किस दूसरे रत्न के साथ इसे धारण कर सकते है।

यदि आप ओपल को किसी और रत्न के साथ पहन रहे है तो इस बात पर भी ध्यान दे की उसका क्या प्रभाव है। मोती, पुखराज और माणिक्य जैसे रत्नों के साथ इस रत्न को नहीं पहनना चाहिए।

ओपल रत्न शुक्र गृह का स्वामी है और सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति को इस गृह का शत्रु माना जाता है । इसीलिए यदि आपकी कुंडली में इन तीन ग्रहो की जगह उच्च स्थान पर है तो ओपल रत्न को न पहने।

कहा जाता है की ओपल को कभी सगाई की अंगूठी के रूप में भी धारण नहीं करना चाहिए।

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ओपल पहनने के विधि (opal pehne ki vidhi)

कोई भी व्यक्ति ओपल रत्न को पेंडेंट या अंगूठी के रूप में पहन सकता है। आपके ओपल रत्न का वजन आपके शरीर के वजन को 10 से विभाजित करने का परिणाम होना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि उपयोगकर्ता के शरीर का वजन 70 किलोग्राम है, तो उसे कम से कम 07 कैरेट का ओपल रत्न पहनना चाहिए।

यदि आप अपने रत्न को धातु में धारण करते हैं, तो सोने या सफेद सोने, प्लैटिनम, चांदी या पंचधातु में स्थापित कर सकते है।

ओपल स्टोन पहनने का सबसे अच्छा दिन और समय शुक्ल पक्ष के शुक्रवार की सुबह है। इस रत्न को दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में पहना जाता है।

ओपल स्टोन या किसी अन्य रत्न को पहनने से पहले आपको अधिकतम लाभ के लिए अपने रत्न को शुद्ध और ऊर्जावान बनाना होगा, इसलिए अपने रत्न को शुद्ध करने के लिए एक धातु का कटोरा लें और उसमें अपना पत्थर रखें और एक-एक करके निम्न चरण का पालन करें -

एक कटोरे में अपने रत्न को रखकर, रत्न पर गंगा जल, तुलसी के पत्ते, देशी गाय का कच्चा दूध, थोड़ा शहद और अंत में घी डालें| फिर "ओम शुं शुक्राय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करना शुरू करें। जब आप आखिरी बार इस मंत्र का जाप कर रहे हो, तब अपना रत्न निकालें और गंगा जल से धो के, शुद्ध कपड़े से इसे साफ़ करके, रत्न को पहन लें।

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