लहसुनिया एक बहुत ही सुन्दर रत्न है जिसकी सतह पर एक अनोखा प्रभाव होता है जिसे चटोयेंसी प्रभाव (Chatoyancy effect) के रूप में जाना जाता है। इस प्रभाव के कारण जब इस रत्न को प्रकाश के सीधे स्रोत के नीचे रखा जाता है, तो उसकी सतह पर एक ऊर्ध्वाधर बैंड या भट्ठा (slit) दिखाई देता है। और पत्थर के सुनहरे भूरे रंग के साथ, हरे-काले भूरे रंग के शेड्स से यह रत्न बिल्कुल बिल्ली की आंख की तरह दिखाई पड़ता हैं।

लहसुनिया को वैदूर्य के नाम से भी जाना जाता है। अपने अनूठे रूप और सुंदरता के कारण इस रत्न का उपयोग अक्सर गहने बनाने या सजावटी वस्तुओं में किया जाता है। लेकिन ज्यादातर इस रत्न को इसके ज्योतिषीय महत्व के कारण पहना जाता है।

अंगेजी में, लहसुनिया रत्न को कैट'स ऑय (Cat’s Eye) कहा जाता है। ज्योतिष विद्या के अनुसार लहसुनिया एक बहुत ही प्रभावशाली रत्न है जिसका प्रभाव आपको अपनी जिंदगी में अच्छा और बुरा भी देखने को मिल सकता है । लहसुनिया स्टोन के फायदे और नुकसान दोनों हो सकते है। किसी भी रत्न के आपके जीवन में प्रभाव कैसे होंगे ये निर्भर करता है आपकी कुंडली पर और आपके उस रत्न को पहनने के समय व् विधि पर। इसलिए यह जरूरी है की लहसुनिया रत्न को धारण करने से पहले आप इस रत्न की पूरी जानकारी ले, और इसके बारे में जाने।

इसलिए इस लेख में हम चर्चा करेंगे - लहसुनिया रत्न पहने के फायदे और धारण करने की विधि व लहसुनिया किसे पहनना चाहिए?

 

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लहसुनिया रत्न के फायदे और नुकसान (Lahsuniya Ratna ke Fayde aur Nuksan)

अक्षर लोगो यह प्रश्न पूछते है की लहसुनिया रत्न पहनने से क्या होता है? तो हम आपको बता दे की इस रत्न के कई प्रभाव होते है जो की आपकी ज़िन्दगी पर कई तरह से असर डाल सकते है।

लहसुनिया रत्न का ज्योतिषीय अध्ययन में बहुत महत्व है क्योंकि यह विश्वास है कि इसके भौतिक और आध्यात्मिक गुण इसे पहनने वाले को बहुत सारे लाभ प्रदान करते हैं।

दुनिया में नौ रत्न हैं जो सबसे शक्तिशाली हैं जिन्हें "नवरत्न" के नाम से जाना जाता है, जिनमें से एक लहसुनिया रत्न भी है। इस रत्न की शक्ति आपके जीवन में कई बदलाव ला सकती है।

इसका प्रभाव केतु की महादशा आपकी कुंडली से हटा सकती है। पर इस रत्न के नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते है।

इस रत्न को पहनने से पहले आपको इस रत्न से होने वाले लाभ और नुकसान के बारे में जानना चाहिए।

 

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लहसुनिया पहनने के लाभ (Lehsunia Pehnne ke Laabh)

लहसुनिया रत्न पहनने के फायदे कुछ इस प्रकार है :-

  • लहसुनिया रत्न की ऊर्जा आपके चारों ओर एक सकारात्मक परत बना देगी जो की आपके लिए कवच की तरह काम करेगी। यह आपको बुरी आत्माओं जैसी नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाएगी। इसकी क्षमता आपको सभी नकारात्मक प्रभावों से दूर रखेगी।
  • लहसुनिया पहनने से आपकी आत्मज्ञान शक्तियां, अंतर्दृष्टि और वृत्ति बढ़ेगी। इससे पहनने वाले में आत्म-जागरूकता के साथ-साथ आसपास के वातावरण की सतर्कता भी बढ़ती है। यह पहनने वाले के निर्णय लेने के कौशल को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे उनका अंतर्ज्ञान उन्हें बेहतर मार्गदर्शन देता है। आपकी अंतरात्मा आपको सही रास्ते पर ले जाएगी। इससे आपको यह जानने में भी मदद मिलेगी कि आप क्या चाहते हैं और आपको क्या चाहिए, साथ ही आप क्या नियंत्रित कर सकते हैं। इससे आपको बेहतर और अधिक लाभकारी निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
  • इस रत्न को धारण करने से आप अपने दिल और दिमाग का अनुसरण करते हुए, खुद को मानसिक रूप से अधिक स्पष्ट पाएंगे।
  • लहसुनिया धन, प्रचुरता और समृद्धि को भी आकर्षित करता है।
  • यदि आपको असफलता का डर है, तो यह रत्न आपको बाधाओं का सामना करने के लिए शक्ति प्रदान करेगा। साथ ही, लहसुनिया की शक्ति बाहरी समस्याओं को कम कर देगी।
  • लहसुनिया आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा। इससे आपको सफलता पाने के अवसरों का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।
  • यह रत्न आपके साहस और आत्मनिर्णय की शक्ति को भी बढ़ाएगा।
  • इस रत्न को धारण करने से आपके मन को शांति और भावनात्मक स्थिरता भी मिलेगी।
  • यह पत्थर आपको आध्यात्मिक रूप से बढ़ने में भी मदद करेगा | यह आपको ब्रह्मांड की उच्च शक्तियों से जुड़ने में मदद करेगा और आपको भगवान के सही मार्ग पर चलने को आपका मार्गदर्शन करेगा।
  • लहसुनिया रत्न के फायदे यहाँ तक ही सिमित नहीं है। इस रत्न में उपचार गुण भी होते हैं जैसे यह आंखों से संबंधित किसी भी समस्या का इलाज कर देगा, बेहतर पाचन में मदद करेगा और आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रखेगा। साथ ही, लहसुनिया का उपयोग गुर्दे, अग्न्याशय, यकृत को ठीक करने के लिए किया जाता है। इससे सिरदर्द में भी राहत मिलती है।

 

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लहसुनिया के नुकसान (Lehsuniya Ratna ke Nuksaan)

लहसुनिया को बिना किसी विधि के पहनने से या कुंडली के अनुकूल इस रत्न के न होने पर भी इसे पहन लेने से आपको इस रत्न का अशुभ रूप देखने को मिल सकता है। इस रत्न के नकारात्मक प्रभाव आपकी ज़िन्दगी पर काफी भारी पड़ सकते है। आइये जानते है लसुनिया के बुरे प्रभाव क्या है:

  • आप किसी दुर्घटना का शिकार हो सकते है।
  • आपको शारीरिक रूप से हानि हो सकती है।
  • आपको मानसिक बीमारियां हो सकती है।
  • आप हमेसा थकान व कमजोरी महसूस करेंगे।
  • आप डिप्रेशन में जा सकते है।
  • आपके व्यक्तित्व का हिंसक पक्ष उजागर हो सकता है।
  • आपकी नौकरी जा सकती है |
  • आप आर्थिक रूप से कमजोर हो सकते है।
  • आपकी आपके साथी से अनबन हो सकती है और रिश्ते बिगड़ सकते है।

 

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लहसुनिया कब और कैसे धारण करें? (Lehsuniya Kab aur Kaise Dharan Kare)

आपको अपनी जन्म कुंडली के अनुरूप रत्न की अनुकूलता सुनिश्चित करने के लिए कैट्स आई रत्न (Cat’s Eye Gemstone) पहनते समय किसी ज्योतिषी से परामर्श लेना चाहिए। किसी ज्योतिषी से परामर्श कर लें ताकि वह आपकी जन्म कुंडली का आकलन कर सके और सुझाव दे सके कि यह रत्न पहनना आपके लिए उपयुक्त है या नहीं। वे आपकी कुंडली के अनुसार आपके लिए पत्थर का आदर्श वजन और गुणवत्ता भी निर्धारित करेंगे।

लहसुनिया को धारण करने की पूर्ण विधि हमने यहाँ आपके लिए उल्लेखित की है :-

लहसुनिया रत्न को सोने या चांदी के धातु में जड़वाकर पहनना चाहिए। आप इसे अंघूटी, ब्रेसलेट या पेंडंट बनवाकर धारण कर सकते है। ध्यान रहे की रत्न को इस तरह पहने की रत्न का एक हिस्सा हमेशा आपके शरीर और त्वचा से अड़ा रहे ताकि उसकी ऊर्जा हमेशा आपके शरीर, और आत्मा से गुजरती रहे और आप पर अपने प्रभाव डालती रहे।

शुद्धिकरण: लहसुनिया पत्थर पहनने से पहले इसे शुद्ध करने की सलाह दी जाती है। अपने रत्न को दूध और पानी, शहद और घी के मिश्रण में कुछ घंटों के लिए रखें और फिर इसे गुनगुने पानी या गंगाजल से साफ कर लें।

विधि: शुद्धि के बाद नीचे बताए गए मंत्र का 108 बार जाप करें और जब आप इसे आखिरी बार जप रहे हों तब अपने रत्न को धारण कर लें।

|| ऊँ कें केतवे नम: ||

यह रत्न एक बहुत ही शक्तिशाली और प्रभावशाली रत्न है इसलिए यह आवश्यक है की आप लहसुनिया रत्न की पहचान कर ही इसे धारण करे। नकली रत्नो को पहनने से बचे और और असली रत्न किसी भरोसेमंद और विश्वसनीय स्रोत से ही खरीदें जैसे की राशि रतन भाग्य।

 

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लहसुनिया किस दिन पहने ? (Lehsunia Kis Din Pehne)

लहसुनिया रत्न पहनने का सबसे अच्छा दिन शुक्ल पक्ष के दौरान शनिवार या मंगलवार का है।

 

लहसुनिया कौन सी उंगली में पहनना चाहिए? (Lehsuniya Konsi Ungli me Pehnna Cahiye)

लहसुनिया रत्न किस उंगली में पहने यह आपको अपने पंडित जी से पूछना चाहिए, हालाँकि यह रत्न आमतौर पर दाहिने हाथ की मध्यमा या छोटी उंगली में पहना जाता है।

 

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लहसुनिया रत्न कौन धारण कर सकता है? (Kon Pehn Skta hai Lehsuniya)

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि प्रत्येक रत्न ऊर्जा के स्रोत के रूप में एक ज्योतिषीय ग्रह से जुड़ा होता है जो उस पत्थर की आभा में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रभावित करेगा। लोग रत्न इस कारण से पहनते हैं - अपने भाग्य को बदलने के लिए, रत्न की ऊर्जा से अपनी कुंडली पर सकारात्मक प्रभाव देकर अपने जीवन को बदलने के लिए।

लहसुनिया रत्न का स्वामी ग्रह है केतु। ज्योतिषी में केतु ग्रह को छाया ग्रह कहा जाता है क्योंकि इसके नकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति को काफी परेशानी होती है। इसलिए, जिस किसी की कुंडली में केतु गलत जगह पर विराजमान है और इस ग्रह का नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, उसे लहसुनिया पहनने की सलाह दी जाती है। यह रत्न अपनी ऊर्जा से केतु के नकारत्मक प्रभावों को कम करेगा और इंसान के जीवन में सकारात्मकता लाएगा।

इसके अलावा ज्योतिषियों का कहना है कि यह रत्न मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए भी उपयुक्त रहेगा। कुछ परिस्थितियों में कन्या, वृषभ, मिथुन और तुला राशि वाले भी इस रत्न को पहन सकते हैं। हालाँकि, सबसे अच्छा है कि आप रत्न पहनने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह लें और सुनिश्चित करें कि लहसुनिया रत्न आपकी कुंडली के समक्ष अनुकूल है या नहीं।

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किसे नहीं पहनना चाहिए लहसुनिया रत्न ? (Kon na Pehne Lehsuniya)

मेष, सिंह, धनु और मीन राशि वालों को लहसुनिया रत्न नहीं पहनना चाहिए। इसके अतिरिक्त, गर्भवती महिलाओं, कालसर्प दोष या कमजोर हृदय और मस्तिष्क वाले लोगों को भी लहसुनिया पहनने से बचना चाहिए।

जिन लोगों की कुंडली में केतु गृह दूसरे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित हो, उन लोगों को भी यह रत्न पहनने से बचना चाहिए।

साथ ही इस बात पर भी ध्यान दे की आप लहसुनिया को किसी और रत्न के साथ पहन रहे है तो इन रत्नो को साथ पहनना सही है या नहीं। दो रत्नो को साथ पहनने से भी अच्छा या बुरा, कोई भी प्रभाव पड़ सकता है। जैसे की लहसुनिया को पुखराज, माणिक, हीरा और मोती के साथ धारण करने से नकारात्मक असर पड़ेगा और आपको नुकसान हो सकता है।

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