हिंदु धर्म में चार मुखी रूद्राक्ष को एक पावन एवं तेजस्वी मनके के रूप में मान्यता प्राप्त है। ऐसा माना जाता है कि इस रूद्राक्ष में चार मुखी भगवान शिव की अलौकिक शक्ति व्याप्त है। रूद्राक्ष को उसके ऊपर मौजूद धारियों या रेखाओं के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। जिस रूद्राक्ष के मुख पर चार सीधी प्राकृतिक धारियां होती हैं, उसको चार मुखी रूद्राक्ष कहा जाता है।

चार मुखी रूद्राक्ष एक बहुत ही फायदेमंद एवं चमत्कारी मनका है जो धारक को कई प्रकार की ज्योतिषीय एवं शारीरिक समस्याओं से मुक्ति दिलाता है। चार मुखी रूद्राक्ष पहनने से धारक के जीवन में सुख, समृद्धि एवं अपार सफलता आती है। शिव पुराण के अनुसार चार मुखी रूद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। सामान्यतः रूद्राक्ष भारत, नेपाल एवं इंडोनेशिया में पाए जाते हैं।

इस लेख में हम आपको चार मुखी रूद्राक्ष को पहनने के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।

क्यों पहने 4 मुखी रुद्राक्ष? (kyo pahene 4 mukhi rudraksha)

प्राचीन हिंदु ग्रंथों के अनुसार चार मुखी रूद्राक्ष में ब्रह्मदेव और देवी सरस्वती का वास माना गया है। इस रूद्राक्ष को धारण करने वाले को इन दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 4 मुखी रूद्राक्ष को चार वेदों, एवं चार वर्णों का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा चार मुखी रूद्राक्ष मनुष्य जीवन के चार आश्रमों, ब्रह्यचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ, और संन्यास को भी दर्शाता है। इस रूद्राक्ष को मनुष्य के जीवन के चार लक्ष्यों, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। यह रूद्राक्ष बुध ग्रह से भी जुड़ा है, इसको धारण करने से जन्म कुंडली में मौजूद बुध ग्रह से संबंधित सभी दोषों का निवारण होता है।

एक मुखी रुद्राक्ष के फायदे और नुकसान, पहनने की विधि, कौन पहन सकता है, कौन नहीं

4 मुखी रुद्राक्ष के फायदे (4 mukhi rudraksha ke fayde)

जैसा कि हम जानते हैं कि रुद्राक्ष एक पवित्र मनका है जो सकारात्मक शक्तियों का स्रोत है। चार मुखी रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति को कई लाभ होते हैं। कुछ लाभ नीचे दिए गए हैं।

4 मुखी रुद्राक्ष के ज्योतिषीय फायदे  (4 mukhi rudraksha ke jyotishiya labh)

  • 4 मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति को अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानने और लक्ष्यों पर केंद्रित रहने में मदद करता है।
  • चार मुखी रूद्राक्ष का स्वामी बुध ग्रह को माना जाता है अतः इस मनके को धारण करने से वाक कौशल एवं आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  • इस रूद्राक्ष को धारण करने वाली की बुद्धि एवं याद्दाश्त में वृद्धि होती है।
  • चार मुखी रूद्राक्ष पहनने वाले को अपार धन, यश एवं वैभव प्राप्त होता है।
  • चार मुखी रुद्राक्ष पहनना उन विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो उच्च अंक प्राप्त करना चाहते हैं या किसी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षा दे रहे हैं।
  • चार मुखी रूद्राक्ष को धारण करने वाले की सही निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है जिससे कैरियर एवं व्यापार में फायदा होता है।

4 मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ (4 mukhi rudraksha ke swasthya labh)

  • चार मुखी रूद्राक्ष को धारण करने से उच्च रक्तचाप से मुक्ति मिलती है।
  • चार मुखी रूद्राक्ष एल्जाइमर एवं डिमेंशिया आदि रोगों से बचाने में भी सहायक है।
  • इस रूद्राक्ष को पहनने वाले व्यक्ति को मधुमेह से छुटकारा प्राप्त होता है।
  • चार मुखी रूद्राक्ष धारक को अस्थमा एवं हृदय रोगों से बचाने में कारगर सिद्ध होता है।
  • चार मुखी रूद्राक्ष को धारण करने से थाईरॉइड ग्रंथी से संबंधित रोगों से मुक्ति मिलती है।
  • चार मुखी रूद्राक्ष को धारण करने से ब्लैडर से संबंधित रोग के उपचार भी मिलती है।

4 मुखी रुद्राक्ष के आध्यात्मिक फायदे (4 mukhi rudraksha ke adhyatmik labh)

चार मुखी रूद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति की ध्यान लगाने की क्षमता में वृद्धि होती है और इसके आध्यात्मिक लाभ निम्नलिखित हैंः

  • चार मुखी रूद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति की आध्यात्मिकता में वृद्धि होती है
  • चार मुखी रूद्राक्ष पहनने से धारक को मानसिक तनाव, एवं अवसाद आदि रोगों से मुक्ति मिलती है।

दो मुखी रुद्राक्ष के फायदे और नुकसान, धारण करने की विधि, कौन पहन सकता है, कौन नहीं

4 मुखी रुद्राक्ष किसे पहनना चाहिए? (4 mukhi rudraksha kise pahnna chahiye)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 4 मुखी रूद्राक्ष भगवान शिव को अति प्रिय है। यह एक ऐसा मनका है जिसे कोई भी धारण कर सकता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकता है। परंतु निम्नलिखित व्यक्तियों को इसको पहनने का विशेष लाभ प्राप्त होता हैः

  • जिन व्यक्तियों की कुंडली में बुध ग्रह से संबंधित दोष विद्यमान हैं या बुध कमजोर हैं उनको चार मुखी रूद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
  • बौद्धिक एवं कला से संबंधित कार्यों को करने वाले व्यक्तियों को इसको धारण करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है क्योंकि यह रूद्राक्ष ज्ञान की देवी माता सरस्वती एवं बौद्धिक क्षमताओं को प्रभावित करने वाले ग्रह “बुध” से जुड़ा है ।
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मिथुन, कन्या एवं मीन राशि वाले व्यक्तियों के लिए 4 मुखी रूद्राक्ष धारण अत्यंत फायदेमंद साबित होता है।

चार मुखी रुद्राक्ष कैसे पहने? (4 mukhi rudraksha kaise pahnne)

शिव पुराण के अनुसार रूद्राक्ष एक अत्यंत चमत्कारी, एवं शुभ मनका है और धारण करने से पहले पूर्ण विधि अनुसार इसका पूजन एवं शुद्धिकरण अवश्य करना चाहिए। इसको धारण करने की पूरी विधि इस प्रकार है-

  • चार मुखी रूद्राक्ष को धारण करने के लिए बुधवार या सोमवार का दिन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
  • इस दिन सुबह उठ कर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
  • इसके बाद अपने घर या मंदिर में उत्तर दिशा में मुख कर के बैठ जाएं।
  • इसके बाद रूद्राक्ष को पीपल के पत्ते पर रखकर गंगा जल एवं पंचामृत से धोएं।
  • उसके बाद रूद्राक्ष के ऊपर पुष्प अर्पित करें और धूप बत्ती जलाएं।
  • फिर इस रूद्राक्ष को हाथ में पकडें और 108 बार “ऊँ हृरीम नमः” मंत्र का जाप करें।
  • अब आप चार मुखी रूद्राक्ष को धारण कर सकते हैं।

4 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि (4 mukhi rudraksha dharan karne ki vidhi)

शुद्धिकरण करने के पश्चात आप चार मुखी रूद्राक्ष को काले या लाल रंग के रेशमी धागे में डाल कर अपने गले में पहन सकते हैं। आप चाहें तो आप चार मुखी रूद्राक्ष को ब्रेसलेट या सोने या चांदी की टोकरी में मंडवा कर भी पहन सकते हैं।

चार मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम (4 mukhi rudraksha ke niyam)

चार मुखी रूद्राक्ष को धारण करने समय बहुत सी सावधानियां बरतनी चाहिए। तभी आपको इसको धारण करने का पूर्ण लाभ मिलेगा। इस रूद्राक्ष को धारण करने के नियम निम्नलिखित हैंः

  • याद रखें कि चार मुखी रूद्राक्ष एक पवित्र वस्तु है अतः इसे कभी गंदे हाथों से ना छुंए।
  • नहाते समय रूद्राक्ष को उतार दें क्योंकि अत्यधिक पानी एवं साबुन से रूद्राक्ष को नुकसान पहुंच सकता है।
  • सोते समय रूद्राक्ष को उतार देना चाहिए।
  • शमशान भूमि में जाते समय रूद्राक्ष को पहनकर ना जाएं।
  • तेल, परफ्यूम, साबुन एवं अन्य केमिकल से रूद्राक्ष को बचाकर रखें क्योंकि इनसे रूद्राक्ष की ऊपरी सतह खराब हो सकती है।
  • रूद्राक्ष को पहनने के बाद मदिरापान एवं मांस भक्षण ना करें और सात्विक जीवन जीएं।
  • रोज़ सुबह चार मुखी रूद्राक्ष की पूजा करें और भगवान शिव के मंत्र “ ऊँ नमः शिवाय” का जाप करने के बाद ही इसको धारण करें।

तीन मुखी रुद्राक्ष के फायदे और नुकसान, पहनने की विधि, कौन पहन सकता है, कौन नहीं

चार मुखी रूद्राक्ष की कीमत (4 mukhi rudraksha ki kimat)

रूद्राक्ष की कीमत उसके आकार, वजन, गुणवत्ता और पैदा होने के स्थान पर निर्भर करती है। उदाहरण के तौर पर नेपाली रूद्राक्ष की कीमत भारतीय एवं इंडोनेशिया के रूद्राक्ष से अधिक होती है। भारत में असली चार मुखी रूद्राक्ष की कीमत 900 रूपये से लेकर 2100 रूपयों के बीच हो सकती है।

निष्कर्ष:

चार मुखी रूद्राक्ष को पहनने वाले को असीम भौतिक एवं आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। राशिरतनभाग्य से आप असली 4 मुखी रूद्राक्ष किफायती दामों पर खरीद सकते हैं। यह भारत की सबसे बड़ी एवं विश्वसनीय रूद्राक्ष बेचने वाली कंपनी है। चार मुखी के अलावा एक से लेकर सोलह मुखी रूद्राक्ष भी आप यहां से खरीद सकते हैं।