हिंदू धर्म में तीन मुखी रुद्राक्ष को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है । रूद्राक्ष एक ऐसा दिव्य मनका है जो साक्षात भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है। रूद्राक्ष दो अक्षरों रूद्र एवं अक्ष से मिलकर बना है। रूद्र का अर्थ होता है भगवान शिव और अक्ष का अर्थ होता है आंसू।

शिव महापुराण के अनुसार भगवान शिव के आंसू धरती पर जिस भी स्थान पर गिरे उसी जगह रूद्राक्ष का वृक्ष उत्पन्न हुआ। इस वृक्ष के फल से प्राप्त होने वाले बीज को ही रूद्राक्ष कहा जाता है।

रूद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं और उनके ऊपर मौजूद मुख या रेखाओं के आधार उन्हें पर वर्गीकृत किया जाता है। सामान्यतः एक से लेकर इक्कीस मुखी तक रूद्राक्ष पाए जाते हैं। रूद्राक्ष मुख्यतः नेपाल, इंडोनेशिया एवं भारत में पाए जाते हैं। इन सभी प्रकारों में से नेपाली रूद्राक्ष को सबसे अच्छी गुणवत्ता वाला माना जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तीन मुखी रुद्राक्ष शुभ माना जाता है। जिस रूद्राक्ष के ऊपर तीन रेखाएं बनी होती हैं उसे तीन मुखी रूद्राक्ष के रूप में जाना जाता है। तीन मुखी रूद्राक्ष ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध है ।

क्यों पहने 3 मुखी रुद्राक्ष? (Kyu pehne 3 Mukhi Rudraksha?)

तीन मुखी रूद्राक्ष अग्नि देव से जुड़ा हुआ है, और इसको धारण करने वाले को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। शिव पुराण के अनुसार तीन मुखी रूद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्तियों को अपार लाभ एवं शुभ फल प्राप्त होते हैं। यह रूद्राक्ष पहनने वालों को भगवान शिव एवं अग्नि देव का आशीष प्राप्त होता है। इस रूद्राक्ष को धारण करने से रोगों, एवं दुर्घटनाओं से छुटकारा मिलता है और परेशानियां दूर होती हैं।

3 मुखी रुद्राक्ष के फायदे (3 mukhi rudraksha ke fayde)

इस लेख में हम आपको तीन मुखी रूद्राक्ष से होने वाले फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं। तीन मुखी रूद्राक्ष धारण करने के महत्वपूर्ण लाभ निम्नलिखित हैं-

3 मुखी रुद्राक्ष के ज्योतिषीय फायदे (3 mukhi rudraksha ke jyotish fayde)

  • तीन मुखी रूद्राक्ष को पहनने वाले व्यक्ति को मंगल ग्रह से संबंधित परेशानियों से छुटकारा मिलता है और कुंडली में मंगल और सूर्य मजबूत होता है।
  • इस रूद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति के साहस एवं आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  • तीन मुखी रूद्राक्ष पहनने वाला व्यक्ति दुर्घटनाओं एवं जानलेवा बीमारियों से बचाने में मददगार साबित होता है।
  • इस रूद्राक्ष को धारण करने से बुद्धि एवं तर्कशक्ति में बढ़ोतरी होती है और निर्णय-क्षमता बेहतर होती है।

3 मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ (3 mukhi rudraksha ke swasthya labh)

  • तीन मुखी रूद्राक्ष को पहनने से एकाग्रता और कल्पनाशीलता में वृद्धि होती है।
  • इस रूद्राक्ष को पहनने से तनाव से मुक्ति मिलती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  • तीन मुखी रूद्राक्ष पाचन से संबंधित परेशानियों से छुटकारा दिलाता है।
  • तीन मुखी रूद्राक्ष पहनने से उच्च रक्तचाप की समस्या से निजात मिलती है।
  • तीन मुखी रूद्राक्ष को धारण करने से खून की कमी से मुक्ति मिलती है और शरीर में चुस्ती एवं फुर्ती बनी रहती है।

3 मुखी रुद्राक्ष के आध्यात्मिक लाभ (3 mukhi rudraksha ke adhyatmik fayde)

  • तीन मुखी रूद्राक्ष पहनने से मणिपुर चक्र जागृत होता है जिससे धारक की एकाग्रता एवं आध्यात्मिकता में वृद्धि होती है।
  • यह रूद्राक्ष धारण करने से चेहरे का तेज बढ़ता है।
  • तीन मुखी रूद्राक्ष धारण करने से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • यह रुद्राक्ष व्यक्ति के आत्मविश्वास को बढ़ाता है|

तीन मुखी रुद्राक्ष किसे पहनना चाहिए? (3 mukhi rudraksha kise pahnna chahiye)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तीन मुखी रूद्राक्ष वरदान के समान है जिसको कोई भी धारण कर सकता है। जानिए किन-किन व्यक्तियों को ये रूद्राक्ष पहनना चाहिएः

  • जो व्यक्ति बहुत अधिक यात्राएं करते हैं उन लोगों के लिए तीन मुखी रूद्राक्ष पहनना बहुत ही शुभ होता है। यह रूद्राक्ष दुर्घटनाओं से बचाता है और बाधाओं को दूर करता है।
  • जिन व्यक्तियों की कुंडली में मांगलिक दोष हैं उनको भी इस रूद्राक्ष को पहनना चाहिए क्योंकि ये रूद्राक्ष मंगल एवं सूर्य से संबंधित परेशानियों को कम करने में सहायक होता है।
  • जिन व्यक्तियों को पाचन तंत्र से संबंधित रोग हैं वे भी इस रूद्राक्ष को धारण करके इन तकलीफों से छुटकारा पा सकते हैं।

3 मुखी रुद्राक्ष कैसे पहने? (3 mukhi rudraksha kaise pahne)

तीन मुखी रुद्राक्ष से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए धारक को निम्नलिखित चरणों का पालन करना चाहिए।

शुद्धिकरणः इस रूद्राक्ष को पहनने से पूर्व उसका शुद्धिकरण करना अनिवार्य है। शुद्धिकरण से रुद्राक्ष की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और उसकी शक्तियों में वृद्धि होती है।

  • सबसे पहले रूद्राक्ष को साफ पानी या गंगा जल से धोएं।
  • इसके बाद तीन मुखी रूद्राक्ष को पंचामृत से धोएं।
  • इसके बाद रूद्राक्ष के ऊपर चंदन का पेस्ट और कुमकुम लगाएं और उसके बाद पुनः साफ पानी से धोएं।
  • इस दिव्य मनके का पूर्ण प्रभाव प्राप्त करने हेतु इसको रविवार को धारण करना चाहिए।
  • इस रूद्राक्ष को धारण करने के लिए पूर्व दिशा में मुख करके बैठें और 3 मुखी रुद्राक्ष का मंत्र “ओम् क्लीं नमः“ का 108 बार जाप करें।

तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने का विधि (3 mukhi rudraksha dharan karne ki vidhi)

  • एक बार शुद्ध और ऊर्जावान होने के बाद, आप 3 मुखी रुद्राक्ष को किसी पेंडेंट या ब्रेसलेट के रूप में धारण कर सकते हैं।
  • याद रखिए कि रूद्राक्ष हर समय आपकी त्वचा के संपर्क में रहना चाहिए।
  • इस रूद्राक्ष को पहनने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि इसे किसी रेशम/ऊनी धागे में पिरोया जाए या चांदी या सोने में मढ़ा जाए।

तीन मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम (3 mukhi rudraksha pehne ke niyam)

  • रूद्राक्ष को पहनते समय उसकी साफ सफाई का ध्यान रखें और उसे धूल एवं मिट्टी से बचाकर रखें, क्योंकि धूल के कण रूद्राक्ष के छिद्रों में फंस कर उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • रूद्राक्ष को साबुन, परफ्यूम, तेल एवं अन्य हानिकारक केमिकलों से बचा कर रखें क्योंकि इससे रूद्राक्ष की सतह को नुकसान पहुंच सकता है।
  • कभी भी अपना रूद्राक्ष किसी और को पहनने के लिए न दें और हो सके तो इसको छिपा कर ही रखें।
  • सोते समय रूद्राक्ष को उतार दें।
  • शमशान भूमि में जाते समय भी रूद्राक्ष को नहीं पहनना चाहिए।

तीन मुखी रूद्राक्ष की कीमत (3 mukhi rudraksha ki kimat)

तीन मुखी रूद्राक्ष की कीमत उसके उत्पत्ती के स्थान और वजन के हिसाब से बदलती है। असली तीन मुखी रूद्राक्ष की कीमत 1000 रूपये से लेकर 2000 रूपये के बीच हो सकती है।