रूद्राक्ष एक पवित्र मनका है जिसको हिंदु धर्म में अत्यंत पवित्र एवं पूज्य माना जाता है। “रुद्राक्ष“ शब्द, संस्कृत भाषा के दो शब्दों “रुद्र“ और “अक्ष” से मिलकर बना है। रूद्र का अर्थ है, भगवान “शिव” और “अक्ष“ का अर्थ है आंसू। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव के आँसू पृथ्वी पर जिस भी स्थान पर गिरे वहीं रूद्राक्ष के वृक्ष उत्पन्न हुए। रूद्राक्ष के पेड सामान्यतः दक्षिण पूर्वी एशिया के पहाडी इलाकों में उगते हैं। सामान्यतः आठ मुखी रूद्राक्ष के वृक्ष नेपाल, इंडोनेशिया एवं भारत में पाए जाते हैं। रूद्राक्ष के वृक्ष को “इलायोकार्पस गैनिट्रस” के नाम से जाना जाता है। इस पेड़ के बीज को ही रूद्राक्ष कहा जाता है। रूद्राक्ष को उसके पर बनी हुई सीधी रेखाओं या मुखों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। सामान्यतः एक से लेकर सोलह मुखी रूद्राक्ष पाए जाते हैं। जिस रूद्राक्ष के ऊपर आठ सीधी रेखाएं या मुख बने होते हैं उसे आठ मुखी रूद्राक्ष कहा जाता है।

8 मुखी रुद्राक्ष के फायदे (8 mukhi rudraksha ke fayde)

शिव महापुराण के अनुसार आठ मुखी रूद्राक्ष को पहनने वाले व्यक्ति को बहुत से लाभ प्राप्त होते हैं। 8 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे कुछ इस प्रकार हैं। 

आठ मुखी रुद्राक्ष के ज्योतिषीय लाभ (8 mukhi rudraksha ke jyotish fayde)

शिव महापुराण के अनुसार आठ मुखी रूद्राक्ष को धारण करने वाले पर भगवान गणेश एवं भैरव बाबा की कृपा बरसती है। इस रूद्राक्ष से धारक को बहुत से शानदार ज्योतिषीय लाभ प्राप्त होते हैं।

नकारात्मक शक्तियों से बचाव: आठ मुखी रूद्राक्ष धारक को बुरी नजर तथा दुर्घटनाओं से बचाने में कारगर सिद्ध होता है। इस रूद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति की सकारात्मक ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है और उसके आस-पास की नकारात्मक शक्ति का नाश होता है।

बुद्धि एवं रचनात्मकता में वृद्धि : 8 मुखी रूद्राक्ष को पहनने वाले व्यक्ति की बुद्धि, याद्दाश्त एवं रचनात्मकता में वृद्धि होती है। इसलिए वे व्यक्ति जो बौद्धिक कार्यों मे कार्यरत है, उनके लिए इस रूद्राक्ष को धारण करना अत्यंत फायदेमंद साबित होता है।

शनि दोष से छुटकारा: प्राचीन हिंदु धर्म ग्रंथों के अनुसार आठ मुखी रूद्राक्ष को पहनने से धारक के कुंडली में व्याप्त शनि एवं राहु के दोष समाप्त होता है और उसको सुख-समृद्धि मिलती है।

साहस एवं आत्मविश्वास में बढ़ोतरी: आठ मुखी रूद्राक्ष धारक के साहस एवं आत्मविश्वास मे वृद्धि करता है।

व्यापार एवं कैरियर में तरक्की: आठ मुखी रूद्राक्ष भगवान गणेश से जुड़ा हुआ है जिनको सफलता का स्वामी कहा जाता है। अतःआठ मुखी रूद्राक्ष को पहनने से व्यापार एवं कैरियर में अपार सफलता मिलती है और रोजगार के नए अवसरों का सृजन होता है।

आर्थिक स्थिति में सुधार: आठ मुखी रूद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और अपार धन एवं वैभव की प्राप्ति होती है।

6 मुखी रुद्राक्ष के फायदे और नुकसान, पहनने की विधि, कौन पहन सकता है, कौन नहीं

आठ मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ (8 mukhi rudraksha ke swasthya labh)

आठ मुखी रूद्राक्ष पहनने वाले व्यक्ति की सेहत में सुधार होता है और चेहरे पर चमक आती है। नीचे इस चमत्कारी रूद्राक्ष से होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

त्वचा की समस्याओं से छुटकारा: आठ मुखी रूद्राक्ष को धारण करने से त्वचा बेदाग एवं चमकदार बनती है। इसके अलावा यह रूद्राक्ष धारको कई प्रकार के त्वचा संबंधी रोगों से भी निजात दिलाता है।

सांस की बीमारियों के इलाज में मददगार: वैदिक ज्योतिष के अनुसार आठ मुखी रूद्राक्ष श्वास-संबंधी रोगों से बचाने एवं उनके उपचार में काफी लाभदायक माना जाता है।

तनाव एवं अवसाद से निजात: आठ मुखी रूद्राक्ष पहनने से धारक को मानसिक शांति एवं सुकूल प्राप्त होता है। यह रूद्राक्ष कई प्रकार के मानसिक रोगों जैसे तनाव, व्यग्रता, एवं अवसाद के उपचार में भी कारगर सिद्ध होता है। इसके अतिरिक्त इस चमत्कारी मनके को पहनने से नींद भी अच्छी आती है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि: आठ मुखी रूद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है और बहुत से असाध्य रोगों को ठीक करने में मदद मिलती है।

हार्मोन संतुलन बनाए रखता है: आठ मुखी रूद्राक्ष व्यक्ति के शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बनाए रखने में काफी मददगार सिद्ध होता है।

सिरदर्द से छुटकारा: आठ मुखी रूद्राक्ष पहनने से पाचन-तंत्र से संबंधित बीमारियों जैसे कि कब्ज, गैस, अपच, एवं एसिडिटी से छुटकारा मिलता है।

मजबूत पाचन तंत्र: आठ मुखी रूद्राक्ष को पहनने वाले व्यक्ति को कई प्रकार के पाचन संबंधी रोगों से छुटकारा मिलता है। इस रूद्राक्ष को पहनने से कब्ज, गैस, एसिडिटी, अपच एवं आंतों के रोगों के उपचार में मदद मिलती है।

पंचमुखी मुखी रुद्राक्ष के फायदे और नुकसान, पहनने की विधि, कौन पहन सकता है, कौन नहीं

आठ मुखी रूद्राक्ष के आध्यात्मिक लाभ (8 mukhi rudraksha ke adhyatmik labh)

आठ मुखी रूद्राक्ष से प्राप्त होने वाले आध्यात्मिक लाभ निम्नलिखित हैं-

ध्यान लगाने में सहायक- वैदिक ज्योतिष के अनुसार अष्ट मुखी रूद्राक्ष को पहनने से धारक की ध्यान लगाने की क्षमता और आध्यात्मिकता में वृद्धि होती है। मूलाधार चक्र को जागृत करता हैः अष्ट मुखी रूद्राक्ष धारक के मूलाधार चक्र को जागृत करने में सहायक माना जाता है। इसको पहनने से व्यक्ति को सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती हैंं।

क्यों पहनें 8 मुखी रूद्राक्ष? (Kyo pehne 8 mukhi rudraksha)

आठ मुखी रुद्राक्ष सबसे लोकप्रिय रुद्राक्षों में से एक है क्योंकि इस रूद्राक्ष का संबंध भगवान गणेश और भगवान भैरव के साथ माना जाता है। इसलिए, यह माना जाता है कि इस रुद्राक्ष को पहनने वालों को भगवान गणेश का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा इस रूद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति को बहुत से ज्योतिषीय एवं स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। इस रूद्राक्ष को किसी भी उम्र, जाति, धर्म एवं लिंग के व्यक्ति धारण कर सकते हैं। इस रूद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति के जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और उसको सुख एवं समृद्धि प्राप्त होती है।

चार मुखी रुद्राक्ष के फायदे और नुकसान, पहनने की विधि, कौन पहन सकता है, कौन नहीं

कैसे पहनें आठ मुखी रूद्राक्ष? (Kaise pahne 8 mukhi rudraksha)

अष्ट मुखी रूद्राक्ष का पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए उसको सही प्रकार से पहनना आवश्यक है। नीचे हम आपको इस रूद्राक्ष को पहनने के सही तरीके के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं-

8 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि (8 Mukhi rudraksha dharan karne ki vidhi)

दिन- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आठ मुखी रूद्राक्ष को पहनने का सर्वोत्तम दिन बुधवार माना जाता है।

दिशा- आठ मुखी रूद्राक्ष को धारण करने से पूर्व धारक को पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठना चाहिए। इसके बाद आप रूद्राक्ष का विधि-विधान से पूजन करने के बाद ही उसे धारण करें।

धातु और धागाः इस रूद्राक्ष को धारण करने के लिए चांदी को सर्वश्रेष्ट धातु माना जाता है। आप इस रूद्राक्ष को लाल रंग के रेशमी धागे में पिरोकर भी धारण कर सकते हैं।

शुद्धिकरण- आठ मुखी रूद्राक्ष को धारण करने से पूर्व गंगाजल एवं पंचामृत से स्नान करवाएं। इसके बाद इस रूद्राक्ष पर चंदन का लेप लगाएं और उसके बाद उसके बाद रूद्राक्ष को पुनः साफ पानी से धोएं। इसके बाद इस मनके को एक साफ सूती वस्त्र से पोंछ लें। अब आप इस रूद्राक्ष को धारण कर सकते हैं।

सक्रियकरण- आठ मुखी रूद्राक्ष के पूर्ण ज्योतिषीय प्रभाव करने हेतु इसकी आंतरिक शक्तियों को जागृत करना पड़ता है। इसके लिए आपको इस रूद्राक्ष के मनके को भगवान की मूर्ति या चित्र के समक्ष रखकर इससे संबंधित बीज मंत्र 'ऊँ हुम नमः’ का 108 बार जाप करना चाहिए। इसके बाद आप इस रूद्राक्ष को पहन सकते हैं।

8 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम (8 mukhi rudraksh pahnane ke niyam)

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आठ मुखी रूद्राक्ष को एक पवित्र एवं शक्तिशाली मनका माना जाता है। अतः इसको पहनने वाले व्यक्ति को बहुत से नियमों का पालन करना पड़ता है। इस रूद्राक्ष को पहनने के नियम निम्नलिखित हैंः

  • आठ मुखी रूद्राक्ष को पहनकर मदिरापान एवं मांस भक्षण न करें और सात्विक जीवन जीएं।
  • आठ मुखी रूद्राक्ष को साबुन, केमिकल, एवं तेल आदि तत्वों से बचाकर रखें ंक्योंकि इनके संपर्क में आने से इसकी ऊपरी सतह खराब हो सकती है।
  • अष्ट मुखी रूद्राक्ष को पहनकर कभी भी शमशान भूमि में न जाएं
  • अष्ट मुखी रूद्राक्ष को पहनकर सोना नहीं चाहिए।