हिंदु धर्म ग्रंथों के अनुसार दस मुखी रूद्राक्ष एक बहुत ही पवित्र और शक्तिशाली मनका है। यह रूद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को बहुत से चमत्कारी फायदे प्राप्त होते हैं। शिव महापुराण के अनुसार इस रूद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसु से हुई है। पौराणिक कथाओं पर पृथ्वी पर जिस भी स्थान पर महादेव के आंसू गिरे उस स्थान पर रूद्राक्ष के वृक्ष उत्पन्न हुए। रूद्राक्ष के वृक्ष मुख्यतः भारत, नेपाल एवं इंडोनेशिया में पाए जाते हैं। जिस रूद्राक्ष की सतह पर दस सीधी रेखाएं बनी होती हैं उसको दस मुखी रूद्राक्ष कहा जाता है।
क्यों पहनें दस मुखी रूद्राक्ष? (kyu pehne 10 mukhi rudraksha)
रूद्राक्ष-जाबालोपनिषद् के मुताबिक, दस मुखी रुद्राक्ष एक बहुत ही चमत्कारी मनका है जिसको धारण करने वाले व्यक्ति पर भगवान विष्णु, मृत्यु के देवता यमराज और दस दिक्पालों(जो दस दिशाओं के रक्षक है) उनका आशीर्वाद सदैव बना रहता है। यह शक्तिशाली रूद्राक्ष धारक को दुर्घटनाओं, जानलेवा बीमारियों और अकाल मृत्यु से बचाने में कारगर सिद्ध होता है। इस रूद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति की याद्दाश्त, एकाग्रता एवं वाक-कौशल में बढ़ोतरी होती है। यह रूद्राक्ष धारक के मन को शांत करता है और भ्रम को दूर करता है। इसके अलावा यह रूद्राक्ष पहनने से व्यापार तथा कैरियर में वृद्धि होती है और घर में कभी धन की कमी नहीं होती है। यह रूद्राक्ष धारक के स्वास्थ्य एवं निजी रिश्तों को सुधारने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।
9 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे | 9 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi
दस मुखी रूद्राक्ष के फायदे (10 Mukhi Rudraksha ke fayde)
जैसा कि माना जाता है कि रुद्राक्ष पहनने से धारक को बहुत से चमत्कारी ज्योतिषीय एवं स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं, कुछ दस मुखी रुद्राक्ष के फायदे निम्नलिखित हैं-
- नकारात्मक ऊर्जा से बचाव- दस मुखी रूद्राक्ष धारक को बुरी नजर, जादू-टोने एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाने में मददगार साबित होता है।
- नवग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करता है- शिव महापुराण के अनुसार दस मुखी रूद्राक्ष को धारण करने से कुंडली में व्याप्त सभी ग्रहों के दोषों को दूर किया जा सकता है और धारक के जीवन में खुशियां आती हैं।
- शनि ग्रह से संबंधित दुष्प्रभावों को दूर करने में मददगार- वैदिक ज्योतिष के अनुसार यह रुद्राक्ष कुंडली में मौजूद शनि ग्रह के दुष्प्रभावों जैसे ढैया एवं साढ़े साती को कम करने में सहायक है।
- कानूनी परेशानी से छुटकारा-इस को धारण करने से धारक को कानूनी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
- वास्तु दोष को दूर करता है- दस मुखी रूद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति को सभी प्रकार के वास्तु दोषों से निजात मिलती है और उसके घर में अपार धन एवं समृद्धि आती है।
- मन की शांति को बढ़ावा देता है-पवित्र 10 मुखी रूद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त होती है और चिंता, और बेचैनी कम होती है। यह रूद्राक्ष धारक के मन को संतुलित रखने में मदद करता है।
- बौद्धिक क्षमता और एकाग्रता में वृद्धि करता है-इस रूद्राक्ष को पहनने से धारक की बौद्धिक क्षमता और एकाग्रता में वृद्धि होती हैं। इस रूद्राक्ष को धारण करना छात्रों तथा उन व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से लाभदायक है जो बौद्धिक कार्यों में व्यस्त हैं जैसे पत्रकारिता, लेखन, शिक्षण इत्यादि।
- व्यापार में तरक्की- जो व्यक्ति व्यापार सम्बंधित समस्याओ का सामना कर रहे है अथवा जिनका व्यापार में घाटा , ग्राहक सही नहीं मिलना जैसी समस्याओ से परेशान है इस दिव्य दस मुखी रुद्राक्ष को पहनने से इन सभी समस्याओ का समाधान मिलता है और व्यापार में तरक्की प्राप्त होती है।
- साहस एवं आत्मविश्वास को बढ़ाता है- दस मुखी रूद्राक्ष को पहनने से धारक के आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है जिससे पहनने वाले को जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति मिलती है और उसकी निर्णय क्षमता भी बढ़ती है।
- पारिवारिक रिश्तों में मधुरता लाता है- दस मुखी रूद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के पारिवारिक रिश्तों में मधुरता आती है गृह क्लेश से छुटकारा मिलता है।
Watch Us on YouTube @RASHIRATANBHAGYAOFFICIAL
10 मुखी रूद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभः (10 mukhi rudraksha ke health benefits in hindi)
10 मुखी रूद्राक्ष एक ऐसा मनका है जिसको धारण करने वाले व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार होता है और व्यक्ति हष्ट-पुष्ट एवं निरोग रहता है। इस रूद्राक्ष के मुख्य स्वास्थ्य लाभ निम्नलिखित हैं-
- पीठ के दर्द और नींद न आने की समस्या से छुटकारा- यह रुद्राक्ष धारक को पीठ के दर्द और नींद न आने की समस्या से छुटकारा मिलता है।
- पेट से संबंधित समस्याओं को दूर में मददगार- दस मुखी रुद्राक्ष को पहनने से सभी प्रकार के उदर रोगों जैसे कब्ज, गैस, बदहजमी आदि से निजात मिलती है।
- त्वचा संबंधी रोगों से बचाव- इस रूद्राक्ष को पहनने से धारक की त्वचा चमकदार एवं बेदाग बनती है और ये कई प्रकार के त्वचा संबंधी रोगों से बचाने में मददगार सिद्ध होता है।
8 मुखी रुद्राक्ष के फायदे, पहनने की विधि, कौन पहन सकता है, कौन नहीं
10 मुखी रूद्राक्ष के आध्यात्मिक फायदे (10 mukhi rudraksha ke adhyatmik fayde)
दस मुखी रूद्राक्ष पहनने वाले व्यक्ति की आध्यात्मिकता में वृद्धि होती है। यह रूद्राक्ष पहनने से धारक को ध्यान लगाने में तथा आंतरिक शांति प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके आध्यात्मिक फायदे निम्नलिखित हैं-
- आध्यात्मिक विकास में सहायकः दस मुखी रूद्राक्ष व्यक्ति की आध्यात्मिक चेतना के स्तर को बढ़ाता है और उसको एक अच्छा इंसान बनाने में मददगार साबित होता है।
- मणिपुर चक्र को जागृत करना- दस मुखी रूद्राक्ष पहनने वाले व्यक्ति का मणिपुर चक्र जागृत होता है जिससे धारक के आत्मविश्वास एवं इच्छाशक्ति में बढ़ोतरी होती है और स्वास्थ्य बेहतर होता है।
- पूजा तथा जाप करने में मददगार- दस मुखी रुद्राक्ष के मंत्र "ॐ हरीम नमः " का जप करने से यह व्यक्ति को भगवान से जोड़ता है और सकारात्मक शक्तियों का आशीर्वाद प्रदान करता है।
कैसे पहने दस मुखी रूद्राक्ष? (kaise pehne 10 mukhi rudraksha)
दिनः दस मुखी रूद्राक्ष को पहनने के लिए सबसे अच्छा दिन सोमवार और गुरूवार को माना जाता है। इस दिन इस रूद्राक्ष को धारण करने से पहनने वाले को चमत्कारी लाभ प्राप्त होता है।
समयः दस मुखी रूद्राक्ष को धारण करने के लिए सर्वश्रेष्ठ समय प्रातःकाल 4 बजे से 6 बजे के बीच को माना जाता है।
धातु और धागा - सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्राप्त करने के लिए रूद्राक्ष को काले या लाल रेशमी धागे में डालकर पहनना चाहिए। आप चाहें तो इस रूद्राक्ष को आप चांदी की टोकरी में मंडवा कर भी धारण कर सकते हैं।
शुद्धिकरण - शास्त्रों के अनुसार रूद्राक्ष को धारण करने से पूर्व इसका शुद्धिकरण करना आवश्यक है। शुद्धिकरण करने से इस मनके में व्याप्त नकारात्मकता दूर होती है और इसमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके लिए सबसे पहले रूद्राक्ष को गंगा जल एवं पंचामृत से धोएं। इसके बाद रूद्राक्ष के ऊपर चंदन का लेप लगाएं। इसके बाद दुबारा से रूद्राक्ष को शुद्ध जल से धोएं।
सक्रियकरण - रूद्राक्ष को भगवान शिव की तस्वीर, मूर्ति या शिवलिंग के समक्ष रखें। अब इस रूद्राक्ष पर ताजे पुष्प अर्पित करें। अब इस रूद्राक्ष के बीज मंत्र “ऊँ हृरीम नमः” का 108 बार जाप करें। अब आप दस मुखी रूद्राक्ष को धारण कर सकते हैं।
6 मुखी रुद्राक्ष के फायदे और नुकसान, पहनने की विधि, कौन पहन सकता है, कौन नहीं
दस मुखी रूद्राक्ष को धारण करने के नियमः (10 mukhi rudraksha ke niyam)
रूद्राक्ष को एक शक्तिशाली एव पावन मनका माना है। अतः इसको पहनते समय धारक को बहुत से जरूरी नियमों का पालन करना पड़ता है। इस रूद्राक्ष को पहनने के दौरान ध्यान रखने योग्य नियम निम्नलिखित हैंः
- दस मुखी रूद्राक्ष को पहनने के बाद सात्विक जीवन जीये और मदिरापान एवं मांस भक्षण न करें।
- दस मुखी रूद्राक्ष को पहनकर कभी भी शमशान भूमि में नहीं जाना चाहिए।
- सोते समय दस मुखी रूद्राक्ष को उतार दें।
आप राशिरतनभाग्य से एक से सोलह मुखी तक सभी प्रकार के रूद्राक्ष खरीद सकते हैं। हमारे यहां असली रूद्राक्ष सर्टिफिकेट के साथ उचित दामों में बेचे जाते हैं।