हिंदु धर्म ग्रंथों में रुद्राक्ष को एक पवित्र एवं चमत्कारी मनका माना गया है। इस पवित्र मनके को साक्षात भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है। रूद्राक्ष शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों ‘रूद्र‘ एवं ‘अक्ष’ से मिलकर हुई है। जिसका अर्थ होता है भगवान शिव के आंसू। ऐसी मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ के आंसू पृथ्वी पर जिस भी स्थान पर गिरे उसी स्थान पर रूद्राक्ष के वृक्षों के उत्पत्ति हुई। रूद्राक्षों को उनकी सतह पर बनी हुई सीधी रेखाओं या मुखों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। रूद्राक्ष सामान्यतः 1 से लेकर 21 मुखी तक पाए जाते हैं। इनमें से प्रत्येक रुद्राक्ष की अपनी अलग विशेषताएं तथा शक्तियां होती हैं, जो कि धारक को विभिन्न प्रकार की मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक समस्याओं से छुटकारा दिलाते हैं। सामान्यतः रुद्राक्ष को कोई भी व्यक्ति पहन सकता है क्योंकि इससे आध्यात्मिक शक्ति का विस्तार होता है , परन्तु रुद्राक्षों में कुछ विशेष शक्तियाँ भी होती है, अतः इनको धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह लेना आवश्यक है।
क्यों पहनें 7 मुखी रूद्राक्ष?
7 मुखी रुद्राक्ष एक ऐसा ताकतवर मनका है जिसको धारण करने वाले व्यक्ति को बहुत से ज्योतिषीय, स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। शिव महापुराण के अनुसार सप्तमुखी रूद्राक्ष को पहनने वाले व्यक्ति को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन सुखमय बनता है। हिंदु धर्म ग्रंथों के अनुसार 7 मुखी रुद्राक्ष का संबंध देवी महालक्ष्मी तथा शुक्र गृह से माना गया है। इस रूद्राक्ष को को पहनने से व्यापार तथा कैरियर में नए अवसरों का सृजन होता है। पद्म पुराण के अनुसार इस रूद्राक्ष को सप्तिऋषियों तथा सप्तमातृ का आशीर्वाद भी प्राप्त है। अतः इसको धारण करने वाले व्यक्ति को बहुत से चमत्कारी लाभ प्राप्त होते हैं। इस लेख में हम आपको 7 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे बताने जा रहे हैं।
7 मुखी रुद्राक्ष के ज्योतिषीय लाभ
सात मुखी रूद्राक्ष को धारण करने से धारक की कुंडली में मौजूद शुक्र ग्रह मजबूत होता है और कैरियर तथा निजी जीवन की तकलीफों से छुटकारा मिलता है। यह मनका जीवन को सरल एवं सुगम बनाता है। 7 मुखी रुद्राक्ष के ज्योतिषीय लाभ निम्नलिखित हैं
- धन तथा ऐश्वर्य में वृद्धि- 7 मुखी रूद्राक्ष को पहनने वाले व्यक्ति के जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है और अपार धन तथा वैभव की प्राप्ति होती है।
- व्यापार तथा नौकरी में उन्नति- इस रुद्राक्ष को पहनने वाले व्यक्ति को व्यापार तथा नौकरी के क्षेत्र में अपार सफलता मिलती है, और रोजगार के नए अवसरों का भी सृजन होता है।
- नकारात्मक शक्तियों से बचाव- सात मुखी रूद्राक्ष एक ऐसा चमत्कारी बीज है जो धारक को नकारात्मक शक्तियों तथा अकाल मृत्यु से बचाता है। यह रूद्राक्ष धारक के आसपास एक अदृश्य कवच का निर्माण करता है और नकारात्मक शक्तियों को दूर भगाता है।
- विघ्न तथा बाधाओं से मुक्ति- यह रुद्राक्ष पहनने वाले व्यक्ति को व्यापारिक तथा निजी विघ्न तथा बाधाओं से मुक्ति मिलती है और जीवन सुखमय बनता है।
- निर्णय क्षमता में बढ़ोतरी- इस रूद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति की बुद्धिमत्ता तथा निर्णय क्षमता में बढ़ोतरी होती है।
- पारिवारिक संबंधों में सुधार- सात मुखी रूद्राक्ष को पहनने वाले व्यक्ति तथा उसके रिश्तेदारों के बीच रिश्ते मधुर बनते हैं और गृह-क्लेश से छुटकारा मिलता है।
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7 मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ
कुछ सात मुखी रुद्राक्ष के फायदे यह भी है कि इसको पहनने से व्यक्ति के चेहरे के तेज तथा तंदुरूस्ती में बढोतरी होती है। यह रूद्राक्ष धारक को कई प्रकार के असाध्य रोगों से बचाता है। सप्तमुखी रूद्राक्ष के मुख्य स्वास्थ्य लाभ निम्नलिखित हैं-
- पाचन तंत्र में सुधार- यह रूद्राक्ष धारक को कब्ज, एसिडिटी, गैस, अपच, एवं अल्सर जैसे पेट के रोगों से बचाता है और पाचन-तंत्र को मजबूत करता है।
- मधुमेह तथा उच्च रक्तचाप - इस रूद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति को मधुमेह तथा उच्च रक्तचाप जैसे जीवनशैली से जुड़े रोगों से भी बचाता है।
- तनाव, व्यग्रता तथा अवसाद से छुटकारा- सात मुखी रूद्राक्ष एक ऐसा दिव्य बीज है जो धारक को भीतरी शांति प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और तनाव, अवसाद तथा व्यग्रता आदि मानसिक रोगों के उपचार में कारगर साबित होता है।
- अस्थि रोगों से बचाव- 7 मुखी रूद्राक्ष को पहनने वाले व्यक्ति को अस्थि एवं मांसपेशियों से संबंधित रोगों से छुटकारा मिलता है।
- तंत्रिका तंत्र- यह रूद्राक्ष धारक को अल्जाइमर तथा पार्किंसन जैसे असाध्य तंत्रिका तंत्र से जुडे रोगों से बचाने में भी कारगर है।
7 मुखी रुद्राक्ष के आध्यात्मिक लाभ
सप्तमुखी रुद्राक्ष एक ऐसा शक्तिशाली मनका है, जो धारक की आध्यात्मिक चेतना तथा कुंडलिनी चक्रों को जागृत करता है। 7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के मुख्य आध्यात्मिक लाभ निम्नलिखित हैं-
- चक्र जागृति- यह शक्तिशाली रूद्राक्ष धारक के शरीर के मूलाधार चक्र को जागृत करता है जिससे उसका शरीर तथा मस्तिष्क दोनों सदैव स्वस्थ रहते हैं और उसको भीतरी शांति प्राप्त होती है। यह रूद्राक्ष धारक को भावनात्मक रूप से सुदृढ़ बनाता है और उसको नकारात्मक अनुभवों तथा अतीत की बुरी यादों से उबरने में मदद करता है।
- याद्दाश्त तथा एकाग्रता में बढ़ोतरी- इस रूद्राक्ष को पहनने वाले व्यक्ति की याद्दाश्त, बौद्धिक क्षमता, तथा एकाग्रता में बढ़ोतरी होती है, अतः इस मनके को पहनना उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभदायक है जो व्यापार, सरकारी नौकरी तथा बौद्धिक कार्यों में संलग्न हों।
- अंतर्ज्ञान में बढ़ोतरी- यह दिव्य बीज धारक के सहज ज्ञान तथा आभासी शक्तियों में बढ़ोतरी करता है, जिससे धारक की निर्णय क्षमता में वृद्धि होती है और वह भविष्य में होने वाले नुकसान से बच सकता है।
7 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम
रूद्राक्ष एक मनका है जिसको पहनने वाले व्यक्ति पर भोलेनाथ तथा माता लक्ष्मी की कृपा सैदव बनी रहती है, परंतु इस दिव्य बीज को धारण करने के दौरान बहुत से सख्त नियमों का पालन करना आवश्यक है, 7 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम निम्नलिखित हैंः
- सात मुखी रुद्राक्ष को पहनते समय व्यक्ति को सादा जीवन का पालन करना चाहिए और मांस तथा मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- सोने से पहले सात मुखी रूद्राक्ष को उतार देना चाहिए।
- 7 मुखी रूद्राक्ष को पहनकर कभी भी शमशान भूमि मे नहीं जाना चाहिए।
- इस रूद्राक्ष बीज को साबुन, शैम्पू, तेल, एवं अन्य प्रकार के केमिकलों से बचाकर रखना चाहिए, क्योंकि इन पदार्थों से रूद्राक्ष की ऊपरी सतह को नुकसान पहुंच सकता है।