सुनहला एक अर्ध कीमती पीले रंग का रत्न है जो क्वार्टज परिवार से संबंध रखता है। इसको सिट्रीन एवं गोल्डन टोपाज आदि नामों से भी पुकारा जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सुनहला रत्न बृहस्पति ग्रह से संबंधित है। बृहस्पति ग्रह को धन, समृद्धि तथा बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने वाला ग्रह माना जाता है। इसको सिट्रीन एवं गोल्डन टोपाज आदि नामों से भी पुकारा जाता है।

सुनहला को पुखराज रत्न का विकल्प या उपरत्न माना जाता है। जो लोग किसी कारणवश पुखराज को धारण नहीं कर सकते उन लोगों को ज्योतिषियों के द्वारा सुनहला धारण करने की सलाह दी जाती है। सुनहला को धन एवं वैभव को आकर्षित करने वाले पत्थर के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह रत्न धारक को व्यापार तथा कैरियर में भी तरक्की प्रदान करता है। इस पत्थर को धारण करने वाले व्यक्ति के जीवन में अपार खुशियां आती हैं और समाज में उसका मान-सम्मान भी बढ़ता है। इस लेख में हम आपको सुनहला रत्न को धारण करने के मुख्य फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं

सुनहला रत्न के फायदे (sunela ratna ke fayde)

पश्चिमी ज्योतिष के अनुसार सुनहला रत्न को नवंबर माह का राशिरत्न माना जाता है। सुनहला रत्न धारण करने वाले व्यक्ति को बहुत से चमत्कारी ज्योतिषीय लाभ प्राप्त होते हैं। सुनहला के फायदे निम्नलिखित हैं-

सुनहला स्टोन के ज्योतिषीय लाभ (sunela stone ke jyotish labh)

सुनहला रत्न धारण करने वाले व्यक्ति को बहुत से चमत्कारी ज्योतिषीय लाभ प्राप्त होते हैं। इसके मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं-

बृहस्पति ग्रह के दुष्प्रभावों को दूर करता है- सुनहला रत्न धारकी कुंडली में व्याप्त बृहस्पति ग्रह के दुष्प्रभावों को कम करता है और गुरू की स्थिति को मजबूत करता है। इसके फलस्वरूप धारक के व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव आते हैं और जीवन सुखमय बनता है।

आर्थिक स्थिति में सुधार- वाले व्यक्ति को अपार, धन, वैभव एवं यश प्राप्त होता है और उसे जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। इस रत्न को धारण करना उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभदायक हैं जो कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं। क्योंकि ये रत्न कर्ज से छुटकारा दिलाने में कारगर भूमिका निभाता है।

व्यापार तथा नौकरी में तरक्की- सुनहला रत्न पहनने वाले व्यक्तियों को व्यापार तथा नौकरी में अभूतपूर्व तरक्की प्राप्त होती है।इस रत्न को “मर्चेंट स्टोन” अर्थात व्यापार में तरक्की प्रदान करने वाला पत्थर भी कहा जाता है। ये रत्न कैरियर तथा व्यापार में नए अवसरों का सृजन करता है और व्यक्ति को सफल बनाता है।

तर्कशक्ति एवं निर्णय क्षमता में बढ़ोतरी- सुनहला रत्न को धारण करने से व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता, तर्कशक्ति और निर्णय क्षमता में बढ़ोतरी होती है।

प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता- सुनहला रत्न को धारण उन विद्यार्थियों के लिए खास तौर पर लाभदायक है जो किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। ये रत्न आलस्य को दूर करता है और शरीर में नवचेतना का संचार करता है। जिससे विद्यार्थियों का ध्यान अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहता है और उनको सफलता प्राप्त होती है।

पारिवारिक रिश्तों में सुधार- सुनहला एक ऐसा चमत्कारी पत्थर है जिसको पहनने से रिश्तेदारों और मित्रों के साथ संबंध मधुर एवं सौहार्दपूर्ण बनते हैं। यह रत्न आपसी विवाद तथा मतभेदों को खत्म करने में कारगर है।

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सुनहला पत्थर के स्वास्थ्य लाभ (sunela pathar ke swasthya labh)

सुनहला रत्न को पहनने वाले व्यक्ति को बहुत से महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। यह रत्न कई बीमारियों के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और शरीर को निरोग बनाता है। सुनेला के स्वास्थ्य लाभ निम्नलिखित हैं-

पाचन तंत्र से संबंधित बीमारियों से छुटकारा- सुनहला रत्न को पहनने से पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारियों से निजात मिलती है। यह रत्न आंतो, आग्नाशय एवं प्लीहा आदि अंगों को स्वस्थ रखता है और कब्ज, अपच, गैस, एसिडिटी, एवं पेट दर्द को दूर करता है, तथा पाचन तंत्र को मजबूत करता है।

किडनी से संबंधित रोगों के उपचार में सहायक- सुनेला रत्न को धारण करने से किडनी एवं मूत्र संबंधी रोगों से छुटकारा मिलता है।

शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि- इस शक्तिशाली पत्थर को धारण करने वाले व्यक्ति का शरीर हष्टपुष्ट एवं शक्तिशाली बनता है और थकान तथा कमजोरी दूर होती है।

तनाव, व्यग्रता तथा अवसाद से मुक्ति- सुनहला धारक को तनाव, व्यग्रता और अवसाद जैसी मानसिक बीमारियों से छुटकारा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता और भीतरी शांति प्रदान करता है।

प्रजनन क्षमता में बढ़ोतरी- सुनहला पहनने से प्रजनन क्षमता में बढ़ोतरी होती है। ये रत्न विशेष तौर से गर्भवती महिलाओं के फायदेमंद माना जाता है। यह रत्न महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान हाने वाले दर्द से निजात दिलाता है और शिशु को नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है।

अनिद्रा से निजात- सुनहला रत्न को पहनने से धारक को नींद न आने की समस्या से निजाता मिलता है और अच्छी नींद आती है। यह रत्न दुस्वपन से भी छुटकारा दिलाता है।

त्वचा संबंधी रोगों के उपचार में कारगर- सुनहला को पहनने से त्वचा चमकदार, गोरी, एवं बेदाग बनती है। यह रत्न त्वचा संबंधी संक्रमणों के उपचार में भी कारगर साबित होता है।

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सुनहला रत्न के आध्यात्मिक लाभ (sunela ratna ke adhyatmik labh)

सुनहला पहनने से धारक को मानसिक शांति प्राप्त होती और उसकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है। इसको पहनने से प्राप्त होने वाले आध्यात्मिक लाभ हैं-

आध्यात्मिकता में बढ़ोतरी- सुनहला को धारण करने वाले व्यक्ति की ध्यान लगाने की शक्ति बढ़ती है। इससे आध्यात्मिक चेतना का स्तर बढ़ता है और व्यक्ति आत्म जागरूक बनता है।

रत्न चिकित्सा में लाभदायक- दुनिया के बहुत से देशों में रत्नों का उपयोग वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे रीकी इत्यादि में किया जाता है। इससे धारक को कई प्रकार के दर्द तथा मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है।

नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है- सुनहला एक ऐसा दिव्य पत्थर है जो धारक के जीवन से नकारात्मकता को दूर करके सकारात्मकता में वृद्धि करता है। यह धारक के चेहरे के तेज में भी वृद्धि करता है।

खुशियों में बढ़ोतरी- सुनहला को बहुत से खुशियों का पत्थर भी कहते हैं क्योंकि इसको धारण करने वाले व्यक्ति को दुखों से छुटकारा मिलता है और उसके जीवन में अपार सुख एवं समृद्धि आती है।

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सुनहला रत्न के नुकसान (sunela ratna ke nuksan)

वैसे तो सुनहला एक ऐसा रत्न है जिसको कोई भी व्यक्ति धारण कर सकता है, परंतु इसको पहनने से पूर्व किसी ज्योतिषी से सलाह लेना आवश्यक है। बिना ज्योतिषीय सलाह लिए इस रत्न को धारण करने से होने वाले नुकसान निम्नलिखित हैं-

भ्रम तथा निर्णय क्षमता में कमी- सुनहला रत्न का एक सबसे महत्वपूर्ण दुष्प्रभाव यह है कि इसको पहनने से कुछ लोगों की निर्णय क्षमता में कमी आ जाती है और भ्रम की स्थिति सदैव बनी रहती है।

सिर चकराना या मितली होना- कुछ मामलों में यह भी सुनने में आया है कि बिना ज्योतिषीय सलाह लिए सुनहला धारण करने वाले व्यक्तियों को सिर भारी होना, चक्कर एवं मितली जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ा है।

क्रोध तथा तनाव में वृद्धि- सुनहला रत्न का एक दुष्प्रभाव यह है भी है कि इसको धारण करने से कुछ व्यक्तियों को अत्यधिक क्रोध आता है और उन पर मानसिक तनाव हावी हो जाता है।

सुनहला रत्न किसे पहनना चाहिए? (sunela ratna kise pahnna chahiye)

सुनहला रत्न को धारण करना मेष, सिंह और तुला राशि वाले जातकों के लिए शुभ फलदायक माना जाता है। इस रत्न को पहनने से इन राशि वाले जातकों के जीवन में सकारात्मकता आती है और चौतरफा तरक्की होती है।

सुनहला रत्न किसे नहीं पहनना चाहिए? (sunela ratna kise nahi pahnna chahiye)

सुनहला रत्न को धारण करना मकर, कन्या, कर्क, और वृषभ राशि वाले जातकों के अशुभ माना जाता है। सुनहला रत्न की ज्योतिषीय इन राशियों के साथ मेल नहीं खाती जिससे इन राशि वाले धारकों को नकारात्मक प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है।

इसके अतिरिक्त जिन व्यक्तियों ने पहले से कोई अन्य रत्न जैसे नीलम, जामुनिया, रक्तमणि, चंद्रकांतमणि, या लाजवर्द पहन रखा उनको भी सुनहला रत्न नहीं धारण करना चाहिए। इस रत्न की ज्योतिषीय ऊर्जा अन्य रत्नों से मेल नहीं खाती है जिससे धारक को भविष्य में दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है।

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सुनहला रत्न कितने दिनों में असर करता है? (sunela stone kitne din me asar karta hai)

सुनहला रत्न को असर करने में सामान्यतः 1 से 4 सप्ताह तक का समय लग सकता है, हालांकि यह समय अलग-अलग व्यक्तियों के लिए अलग-अलग हो सकता है। कुछ व्यक्तियों को इस रत्न का असर पहले दिन से ही होना शुरू हो जाता है, परंतु इसके विपरीत कुछ लोगों को इसका प्रभाव महसूस होने में 3 महीने तक का समय लग जाता है। किसी भी रत्न के ज्योतिषीय प्रभाव

सुनहला रत्न किस उंगली में पहनें? (sunela ratna kis ungli me pahne)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सुनहला रत्न को दांए हाथ की तर्जनी उंगली में धारण करने से सर्वश्रेष्ठ प्रभाव प्राप्त होता है। तर्जनी उंगली का संबंधी बृहस्पति ग्रह से माना जाता है अतः सुनहला को इस अंगुली में पहनने से धारक को सुख, समृद्धि एवं वैभव की प्राप्ति होती है।

सुनहला रत्न पहनने की विधि (sunela ratna pahnne ki vidhi)

सुनहला रत्न को धारण करने से पहले उसका वैदिक विधि से शुद्धिकरण एवं पूजन करना अनिवार्य है। इसके लिए सबसे पहले सुनहला रत्न को गंगा जल से धो लें। उसके पश्चात् इस रत्न को पंचामृत में 10 से 15 मिनट तक भिगाएं। इसके पश्चात रत्न को पुनः साफ पानी से धोएं एवं सूती वस्त्र से पोछें।

सुनहला रत्न का मंत्र (sunela ratna ka mantra)

पूजा कक्ष में आसन लगाएं तथा सुनहला रत्न को हाथ में लेकर बैठें। अब अपने मन में बृहस्पति देव का ध्यान करते हुए सुनहला से संबंधित बीज मंत्र -ऊं ग्रां ग्रीं ग्रूं गुरुवे नमः' का 108 बार जाप करें। अब आप सुनहला रत्न को धारण कर सकते हैं।

सुनहला रत्न की कीमत (sunela ratna ki kimat kya hai)

भारत में सुनहला रत्न की कीमत सामान्यतः 400 रुपये से लेकर 1100 रुपये प्रति कैरेट तक हो सकती है। ध्यान रहे कि वास्तविक सुनहला रत्न की कीमत उसके रंग, वजन, उत्पत्ति के स्थान, तथा कट के अनुसार बदल सकती है।