रुद्राक्ष की माला हिंदू धर्म में सबसे पवित्र मालाओं में से है। हालाँकि रुद्राक्ष की माला का उपयोग दुनिया भर में विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों के लोगों द्वारा किया जाता है, फिर भी हिंदू धर्मग्रंथों में इस माला को सबसे अधिक महत्व दिया गया है।

लोककथाओं में कहा गया है कि जब भगवान शिव रोये, तो उनके आंसू रुद्राक्ष के रूप में पृथ्वी पर गिरे। भगवान शिव के प्रतिमान स्वरुप रुद्राक्ष धरती पर मानव कल्याण के लिए अत्यंत प्रभावशाली है। 

पृथ्वी पर कई प्रकार के रुद्राक्ष के मोती पाए जाते हैं, जिनमें से एक है पांच मुखी रुद्राक्ष। जिस रुद्राक्ष की सतह पर पांच मुख होते हैं, वह पंचमुखी रुद्राक्ष होता है।

बृहस्पति द्वारा शासित, यह मनका अत्यधिक शक्ति से युक्त माना जाता है और इसे अक्सर "देवगुरु" के रूप में जाना जाता है। पांच मुखी रुद्राक्ष एकमात्र ऐसा मनका है जिसे सबसे अधिक पहना जाता है । इसकी एक वजह यह भी है की पंचमुखी रुद्राक्ष सबसे ज्यादा पाए जाते है। 

इस लेख में, हम प्राकृतिक 5 मुखी रुद्राक्ष के बारे में चर्चा करेंगे, जिसमें हम आपको इसके लाभ, इसे किसे पहनना चाहिए और कैसे पहनना चाहिए बताएँगे। 

 

5 मुखी रुद्राक्ष का ज्योतिषीय महत्व (panch mukhi rudraksh ka jyotish mahatva)

5 मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव ने भगवान कालाग्नि रुद्र के रूप में आशीर्वाद दिया है। शिव का यह रूप अग्नि और समय को एक साथ स्थापित करने वाला है। "कालाग्नि" नाम दो शब्दों से बना है, काल जिसका अर्थ है समय, और अग्नि जिसका अर्थ है आग।

भगवान कालाग्नि रुद्र अपने उग्र स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। उन्हें अग्नि तत्व के साथ दुनिया का संहारक या निर्माता माना जाता है। वह हर चीज़ को जलाकर, राख से हर चीज़ को नए सिरे से बना सकता है।

इसलिए, पांच मुखी रुद्राक्ष को सबसे महत्वपूर्ण प्रकार का रुद्राक्ष मनका कहा जाता है। इसकी उग्र प्रकृति के कारण इसे संभालना कठिन हो जाता है। इसलिए पंचमुखी रुद्राक्ष को हमेशा पंडित जी की सलाह लेकर ही धारण करना चाहिए। 

 

पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे (panch mukhi rudraksh ke fayde)

एक असली 5 मुखी रुद्राक्ष को स्वयं भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, इसलिए ऐसा माना जाता है यह रुद्राक्ष कई तरीकों से पहनने वाले की रक्षा करेगा। इस रुद्राक्ष की ऊर्जा के प्रवाह से इसे पहनने वाले को लाभ होगा। जैसे कि इस मनके का विशुद्ध चक्र, जिसे गले का चक्र भी कहा जाता है, पहनने वाले को अपने संचार कौशल को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

 रुद्राक्ष धारण करते ही यह पांचवां चक्र सक्रिय हो जाएगा। और यह आपके आत्मबोध को खोलेगा। खुलकर बोलने से आप खुद को बेहतर ढंग से अभिव्यक्त कर सकेंगे और साथ ही आत्मविश्वास के साथ सार्वजनिक रूप से बोल या संवाद कर सकेंगे।

अन्य 5 मुखी रुद्राक्ष के फायदे कुछ इस प्रकार हैं:

  • आपके हार्मोन को संतुलित करते हुए, रुद्राक्ष आपको अपनी भावनाओं पर नियंत्रण पाने में मदद करेगा। यह आपके दिमाग को स्थिर करेगा, कठिन समय में आपको शांत रखेगा और परिस्थितियों का सामना करने में मदद करेगा।
  • 5 मुखी रुद्राक्ष आपकी ऊर्जा की रक्षा करते हुए ढाल की तरह काम करेगा। यह आपको चारों ओर की सभी नकारात्मकता से बचाएगा चाहे वह नकारात्मक प्रभाव किसी इंसान का हो, बुरी आत्माएं का हों, अपशकुन हों या काला जादू हो।
  • इस रुद्राक्ष की माला पहनने वालो की एकाग्रता शक्ति भी बढ़ती है। इसलिए, आध्यात्मिक अभ्यास के दौरान इस रुद्राक्ष का अत्यधिक उपयोग किया जाता है।
  • 5 मुखी रुद्राक्ष रिश्तों में प्यार भी बढ़ाता है। यह एक ऐसी आभा बिखेरता है जो रिश्तों में आपसी समझ को बढ़ाती है और बेहतर बंधन बनाने में मदद करती है।
  • आर्थिक रूप से, पंचमुखी रुद्राक्ष आपको आगे बढ़ने में मदद करेगा और सफलता दिलाएगा।
  • आपको शक्ति और इच्छाशक्ति प्रदान करते हुए, रुद्राक्ष आपके आत्म-विश्वास को बढ़ाएगा और आपकी कल्पना, रचनात्मकता के साथ-साथ अंतर्ज्ञान शक्तियों को भी बढ़ाएगा। आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक जोखिम उठाने में सक्षम होंगे और अपनी परिस्थितियों का प्रबंधन बेहतर तरीके से कर पाएंगे।

 

पंचमुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ (panchmukhi rudraksh ke labh)

5 मुखी रुद्राक्ष की शक्ति को विज्ञान भी साबित कर चूका है। यह रुद्राक्ष आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रखेगा। इसकी उर्जा आपके शरीर को ताकत देगी और आपके आस पास सकारात्मकता ऊर्जाओं के प्रवाहन होता रहेगा । 

कई अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि गले में 5 मुखी रुद्राक्ष की माला पहनने से पहनने वाले का दिल मजबूत होता है। हृदय गति को स्थिर करके और रक्त परिसंचरण को नियंत्रित करके, यह रुद्राक्ष आपके हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखेगा।

इसके अलावा, 5 मुखी रुद्राक्ष के अन्य स्वास्थ्य लाभ कुछ इस प्रकार है:-

  • रुद्राक्ष आपके रक्तचाप को नियंत्रित रखता है, आपके शरीर में से हर जहरीले पदार्थ को हटा देगा। यह सबसे ज्यादा औरतों के लिए फायदेमंद है चूँकि यह मासिक धर्म के दौरान पीड़ा से राहत देगा। 
  • व्यक्ति के हार्मोन को नियंत्रित कर, यह रुद्राक्ष आपके मस्तिष्क विचरण को नियंत्रण रखने में मदद करेगा वअवसाद और चिंताओं को भी कम करेगा। 
  • ऐसा भी कहा जाता है की रुद्राक्ष मनोवैज्ञानिक विकारों को ठीक करता है। 
  • साथ ही, पंचमुखी रुद्राक्ष मधुमेह को ठीक करता है और शर्करा/ग्लूकोज़ के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। 
  • शरीर व सर के दर्द में राहत देना भी पंचमुखी के लाभों में से एक है। 

 5 मुखी रुद्राक्ष आंखों, पैरों, लीवर, किडनी, अस्थि मज्जा (बोन मेरो), श्वसन प्रणाली आदि से संबंधित समस्याओं में भी सहायता करता है।

 

पंचमुखी रुद्राक्ष किसे धारण करना चाहिए? (panchmukhi rudraksha kaise dharan karna chahiye)

लिंग, जाति या धर्म की परवाह किए बिना कोई भी व्यक्ति पंचमुखी रुद्राक्ष पहन सकता है। प्रत्येक रुद्राक्ष पर भगवान शिव का आशीर्वाद होता है और इसलिए हमारे पूर्वजों का मानना है कि जो कोई भी इसे अपनी इच्छा और भक्ति से पहनता है, उसे केवल लाभ ही मिलता है।

हालाँकि, यह सलाह दी जाती है कि आपको अपने पंडित जी से उचित सलाह लेने के बाद ही रुद्राक्ष की माला धारण करनी चाहिए।

 

5 मुखी रुद्राक्ष कैसे पहनें? (panch mukhi rudraksh kaise pahne)

5 मुखी रुद्राक्ष पहनने से पहले आपको इसकी ऊर्जा को सक्रिय करने के लिए वैदिक पूजा करनी चाहिए। सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप एक अच्छे ज्योतिषी या पंडित जी से किसी शिव मंदिर में अपने रुद्राक्ष या पंचमुखी रुद्राक्ष माला का अनुष्ठान कराए। लेकिन आप इसे घर पर खुद भी धारण कर सकते हैं।

बस यह सुनिश्चित करें कि आप पूरी तरह से शुद्ध भक्ति के साथ प्रक्रिया का पालन करें। इस अनुष्ठान को करने के लिए सोमवार या गुरुवार सबसे अच्छा दिन होगा। यदि शिवरात्रि का दिन हो तो यह ओर भी दिव्य होगा क्योंकि यह भगवान शिव का दिन है।

रुद्राक्ष को रेशम के धागे या सोने और चांदी में पहना जा सकता है।

शुद्धिकरण अनुष्ठान करने से पहले सुबह जल्दी स्नान करें और धुले हुए साफ़ कपड़े पहनें। अपनी दैनिक प्रार्थनाएँ पूरी करने के बाद, अपना रुद्राक्ष लें और उसकी भी पूजा करें। रुद्राक्ष को निर्मल करने के लिए इसे गंगाजल में कुछ देर के लिए रख छोड़ दे, फिर इसे निकल साफ़ कपडे से पोंछ।  अपनी अनामिका से चंदन का तिलक लगाएं और कुछ फूल चढ़ाएं, व् अगरबत्ती जलाये।

अब नीचे बताए गए मंत्र का 108 बार जाप करें और जब आप आखिरी बार जाप कर रहे हों तो रुद्राक्ष की माला पहन लें। सुनिश्चित करें कि रुद्राक्ष की माला का एक सिरा आपकी त्वचा को छू रहा हो, तभी इसकी ऊर्जा आपको लाभ पहुंचाएगी।

“ॐ ह्रीं नमः ”  (Om Hreem Namah)