रुद्राक्ष एक ऐसा पवित्र मनका है, जिसको धारण करने वाले व्यक्ति को बहुत से चमत्कारी ज्योतिषीय एवं स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिव्य बीज को धारण करने वाले व्यक्ति पर भगवान शिव की कृपा तथा आशीर्वाद सदैव बना रहता है। यह बीज धारक के आसपास मौजूद नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है और सकारात्मकता को बढ़ाता है।

रुद्राक्ष एक ऐसा दिव्य बीज है जिसको किसी भी लिंग, उम्र, धर्म, या रंग का व्यक्ति धारण कर सकता है और इसको धारण करने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव प्राप्त नहीं होते। हालांकि रुद्राक्ष को गलत प्रकार से धारण करने से कई प्रकार के दुष्प्रभाव भी प्राप्त हो सकते हैं। इस लेख में हम आपको रुद्राक्ष पहनने के नुकसान और उनसे बचने के तरीकों के बारे में अवगत कराने जा रहे हैं-

1. गलत प्रकार के रुद्राक्ष का चयन

रुद्राक्ष को धारण करते समय यह ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है कि आप सही प्रकार के रुद्राक्ष बीज का ही चुनाव करें। रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं, जिनको उनकी सतह पर बनी हुई सीधी रेखाओं या मुखों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। सामान्यतः 1 मुखी रुद्राक्ष से लेकर 16 मुखी रुद्राक्ष तक के मनके पाए जाते हैं। वैसे तो कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का रुद्राक्ष धारण कर सकता है, परंतु कुछ रूद्राक्षों को विशिष्ट ज्योतिषीय लाभ प्राप्त करने हेतु पहना जाता है। अतः इनको पहनने से पहले ज्योतिषीय सलाह लेना आवश्यक हैं। ऐसा माना जाता है कि गलत प्रकार के रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति को अनिद्रा, बेचैनी, सिरदर्द, मानसिक असंतुलन तथा वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

2. अशुद्ध रुद्राक्ष पहनने के नुकसान

किसी भी रुद्राक्ष बीज को पहनने से पूर्व उसका विधि-विधान के साथ शुद्ध एवं सक्रिय करना चाहिए, क्योंकि बिकने से पूर्व रुद्राक्ष बीज कई लोगों के हाथों से होकर गुजरता है। इस कारण से इस मनके की ऊपरी सतह मैली हो जाती है और इसके भीतर नकारात्मक ऊर्जा का सृजन हो जाता है। शुद्धिकरण एवं सक्रियकरण से रुद्राक्ष की अशुद्धियां और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। बिना शुद्ध किए हुए रुद्राक्ष को पहनने से धारक को रुद्राक्ष के पूर्ण लाभ प्राप्त नहीं होते हैं और कई बार नुकसान भी उठाना पड़ता सकता है।

उपाय: किसी भी रुद्राक्ष को धारण करने से पूर्व उसको गंगा जल से धोएं। उसके पश्चात् इस मनके को 10-15 मिनट तक पंचामृत में डुबो को कर रखें। इसके बाद रुद्राक्ष को साफ पानी से धोएं और एक सूती वस्त्र से पोंछ लें। अब रुद्राक्ष को भगवान शिव की फोटो या शिवलिंग के समक्ष रखें और 108 बार ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।

3. रुद्राक्ष की अनुचित देखभाल से होने वाले नुकसान

रुद्राक्ष एक प्राकृतिक बीज है, अतः इसको कड़क धूप, पसीना, धूल, मिट्टी, तेल और तेज केमिकल्स से बचाकर रखना चाहिए। क्योंकि इससे रुद्राक्ष की ऊपरी सतह को नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा रुद्राक्ष को नियमित रूप से गुनगुने पानी से साफ करना चाहिए। इसे नियमित रूप से साफ न करने पर, या गर्म पानी में स्नान करते समय पहने रहने पर रुद्राक्ष का प्रभाव कम हो सकता है। मानसिक तनाव, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और अवसाद आदि रुद्राक्ष पहनने के नुकसान हैं, जो रुद्राक्ष की अनुचित देखभाल से हो सकते हैं।

उपायः रुद्राक्ष को नियमित रूप से गंगाजल से धोकर साफ करें और इसकी चमक बरकरार रखने के लिए थोड़ा सा सरसों का तेल या चंदन का तेल लगाएं।

4. अशुभ दिनों में रुद्राक्ष पहनने का प्रभाव

रुद्राक्ष को कुछ विशेष दिनों में पहनने की सलाह नहीं दी जाती है, जैसे कि अमावस्या, ग्रहण, आदि । ऐसा माना जाता है कि इन दिनों में नकारात्मक ऊर्जाएं अपने चरम पर होती हैं, अतः इन दिनों के दौरान रुद्राक्ष को धारण से करने से इसके आध्यात्मिक लाभ प्राप्त नहीं होते हैं। इन दिनों में रुद्राक्ष को पहनने से इसका उल्टा प्रभाव भी हो सकता है। इसी प्रकार, स्त्रियों को मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।

उपाय: रुद्राक्ष को विशेष रूप से सोमवार के दिन पहनने का नियम है, क्योंकि यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। ऐसे पवित्र दिन में रुद्राक्ष को धारण करने से इसका प्रभाव सकारात्मक और लाभकारी होता है

5. असावधान व्यवहार से नुकसान

रुद्राक्ष एक पवित्र मनका है जिसको पहनने के बाद बहुत से नियम कायदों को पालन करना आवश्यक हैं। हम इस लेख में आपको बताने जा रहे हैं कि रुद्राक्ष पहनने के बाद क्या नहीं करना चाहिए ? इन नियमों को पालन न करने के फलस्वरूप भी कई बार धारक को दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। ये नियम निम्नलिखित हैं-

  • रुद्राक्ष को धारण करने के पश्चात मांस भक्षण एवं मदिरापान न करें।
  • रुद्राक्ष को पहनकर न सोएं।
  • रुद्राक्ष को पहनकर कभी भी शमशान भूमि में न जाएं।
  • रुद्राक्ष को पहनकर सादा तथा संयमित जीवनशैली का पालन करें

6. अत्यधिक आशा और अज्ञानता से होने वाले नुकसान

कई लोग रुद्राक्ष को पहनने के बाद तुरंत लाभ होने की उम्मीद करने लगते हैं। लेकिन यह ध्यान रखना आवश्यक है कि रुद्राक्ष को अपना प्रभाव दिखाने में कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक का समय लग सकता हैं। यह कोई जादू की छड़ी नहीं है। इसके अतिरिक्त रुद्राक्ष का प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति पर अलग-अलग होता है। रुद्राक्ष से प्राप्त होने वाले प्रभाव का संबंध व्यक्ति की नीयत, कर्म, और सक्रिय जीवनशैली पर निर्भर करता है। परंतु कुछ लोग इसे पहनने के बाद कर्म करना छोड़ देते हैं, याद रखिए बिना मेहनत किए रुद्राक्ष को पहनने से कोई लाभ प्राप्त नहीं होता।

उपायः रुद्राक्ष को पहनते समय अपनी उम्मीदों को संतुलित रखें। इसे एक सहायक के रूप में देखें और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन के लिए स्वयं प्रयास भी करें।

7. स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव

सामानयतः रुद्राक्ष को पहनने से किसी भी प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रभाव प्राप्त नहीं होते हैं। हालांकि कुछ गिने-चुने लोगों को रुद्राक्ष पहनने के बाद त्वचा संबंधी संवेदनशीलता हो सकती है, जैसे कि त्वचा पर खुजली, लालिमा या एलर्जी। ऐसे मामलों में व्यक्ति को सतर्क रहना चाहिए और यदि कोई प्रतिकूल प्रतिक्रिया होती है तो इसे पहनने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।

उपायः यदि रुद्राक्ष से कोई एलर्जी होती है तो सर्वप्रथम चिकित्सकीय सहायता ले और इसे कुछ समय के लिए पहनना छोड़ दें। आप चाहें तो कुछ दिनों के पश्चात् रुद्राक्ष बीज को पुनः धारण करने का प्रयास कर सकते हैं।

निष्कर्ष

रुद्राक्ष एक ऐसा शक्तिशाली मनका है जो धारक को कई प्रकार के आध्यात्मिक और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। आप राशि रतन भाग्य से सभी प्रकार के रुद्राक्ष उचित मूल्य पर खरीद सकते हैं। याद रखिए, निम्न गुणवत्ता वाले तथा नकली रुद्राक्ष बीजों को धारण करने से किसी भी प्रकार का ज्योतिषीय लाभ प्राप्त नहीं होता। अतः रुद्राक्ष खरीदते समय बिक्रीकर्ता से उसके असली होने का प्रमाण पत्र अवश्य मांगे।